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बुधवार, 30 नवंबर 2011

मैं हु औरत............


मैं हूँ कोमल, तो मैं ही हूँ कठोर
मैं हूँ सीता, तो मैं हूँ दुर्गा 
मैं हूँ हित, तो मैं ही हूँ अनहित 
मैं हूँ मंगल, तो मैं ही हूँ अमंगल 
मैं हूँ दुलार, तो मैं ही हूँ फटकार 
मैं हूँ छाया, तो मैं ही हूँ धुप 
मैं हूँ पानी, तो मैं ही हूँ आग 
मैं हूँ रंगीनिया, तो मैं ही हूँ वीरानियाँ 
मैं हूँ स्वर्ग, तो मैं ही हूँ नरक 
मैं हूँ प्यार, तो मैं ही हूँ नफरत