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शनिवार, 25 मार्च 2023

प्यारी बेटियों के नाम


Photo from Twitter


 
एक उम्मीद पूरी होगी आज 
एक सपना, सच होगा आज 

चम्-चमाता गुलाबी रंग, 
कई गुलाबो सी खुश्बू फैला देगा आज
 
किसी की आँखों की चमक 
किसी की उम्र की थकान मिटा देगी आज
 
आँगन में गूंजती हसीं
किसी की की उम्र को सफल कर देगी आज 


रविवार, 31 जुलाई 2022

एक रिश्ते के सताईस बरस - special post

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एक रिश्ते के सताईस बरस 

कुछ याद सा है और कुछ भूला सा
दो अधूरे से लोग
दो बिखरी सी ज़िंदगियाँ 
दो ख़ुद से ही अनजान लोग
चले थे एक अनजानी राह पर

राह, अनजानी थी 
तो भटकना वाजिब था 
राह अनजानी थी 
तो बिखर जाना तय था 
राह अनजानी थी 
तो जुदा हो जाना नियति थी 

साथ चलते-चलते भी एक फासला सा हो गया था
दो ज़िन्दगियों के बीच, वो फासला, मृगतृष्णा से भर गया था 
और फासला और गहराता गया था 

शायद, कोशिशों की मेहनत
न कर सके हम-तुम
शायद, रिश्ते की अहमियत 
न समझ सके हम-तुम
शायद, झूठे आदर्शों की 
बलि चढ़ गए हम-तुम

पर, फिर भी 
वो जो कुछ पल कोशिश के थे 
वो आज भी याद आते हैं कभी-कभी 
वो जो, कुछ पल मेरे और तुम्हारे थे 
याद आते है आज भी कभी-कभी
वो जो, कुछ  पल जिसमें हम-तुम
कुछ और जान डाल सकते थे 
याद आते है आज भी कभी-कभी

गर, ये सही है
की एक जन्म के साथी 
किसी और जन्म में भी मिलते हैं 
तो, ए, इस जन्म, के कुछ पल साथी
मिलना तू मुझे किसी और जन्म में भी 
मिल कर, इस जन्म की गीले-शिकवे  मिटा लेंगें 

मिलना तू मुझे किसी और जन्म में भी
वो जो बिखर गया है इस जन्म में
एक कोशिश, उसे समेटने की कर लेंगें 
हम-तुम 

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शनिवार, 2 जुलाई 2022

एक हसीं ख्याब

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गिले-शिकवे अपनों से किये जाते हैं, 

हम - तुम तो अब पराये हो गए हैं 


तुम किसी और के हो गए हो 

और हम, हम अपने में ही खो गए हैं 


तुम, वो एक बार की बहार थे 

जिसने मेरे तन-मन को महका दिया था 

कुछ देर जिसने मेरे जीवन को सजा दिया था 

तुम वो किरण थे 

जो ज़िन्दगी में उजाला ले आयी थी 

मेरे सपनों को कभी रौशनी तुम्ही ने दी थी 

मेरे बदन को महक तुम्हारे होने से थी 


अब, जब तुम पास नहीं हो

पर, एहसास से तो पास हो 

मेरी यादों में

मेरे एहसास में

मेरे बदन की खुशबू में 

मेरी चाहतों में 

मेरे खवाबों में


बस ख्याब ही तो थे तुम

मेरा, एक हसीं ख्याब 

मेरा बस मेरा ही 

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#Hindiblog
#hindi
#हिन्दीकहानी

गुरुवार, 26 मई 2022

आवारा सा दिल मेरा


आवारा सा दिल मेरा, बस उड़ने को करता रहता है 
एक डाल से दूसरी डाल
न जाने किस डाल पर बसेरा हो 
आवारा सा दिल मेरा 
बस यही सोचता है 

आवारा सा दिल मेरा 
अपना जहां ढूढ़ता है
नादान है 
बेवहफा जहां में वफ़ा ढूढ़ता है

आवारा सा दिल मेरा 
कोई अपना ढूढ़ता है
आवारा सा दिल मेरा 
खुद को ही खुद ढूढ़ता है 

आवारा सा दिल मेरा 
भूला बैठा है की
वो बेजोड़ है 
उसका कोई जोड़ नहीं ही 

आवारा सा दिल मेरा
ना जाने क्या ढूढ़ता है 


आवारा सा दिल मेरा, बस उड़ने को करता रहता है



#hindi #hindikavita #hindispoem

शनिवार, 19 मार्च 2022

वक़्त लगता है - कुछ पंक्तियाँ




कैसे दिल समझे की,
धड़कन भी उसकी अपनी नहीं है यहाँ
कैसे निगाहें समझे की,
नज़ारे इस जहाँ के पल भर के ही है
कैसे ये उम्र समझे की,
ढल रही है वो भी अब दिन बा दिन
कैसे ये एहसास समझे की,
प्यार को प्यार मिले ज़रूरी नहीं है यहाँ
कैसे खुद् को समझाएं की,
वक़्त लगता है सही वक़्त के लिए भी यहाँ


रविवार, 13 फ़रवरी 2022

रिश्ता प्रेम से

 
एक अजीब सा रिश्ता है प्रेम से    
जब होता है                       
तो सवालों से उलझा सा देता है  

जब नहीं होता                    
तो भी उसकी                     
ख़ूबसूरती का एहसास होता है          

जब सामने होता है                                               
तो बिना बात की 
उदासी सी दे देता है 

जब दूर होता है तो 
मन को काले बादलों सा 
घेर लेता है 

प्रेम का अपना ही क़ायदा है 
पास होता है, तो 
जुदा होने की काली छाया 
से घेर लेता है 

प्रेम का अपना ही क़ायदा है 
दूर होता है, तो 
तो पास होने की आस में 
डूबा सा लेता है 

एक अजीब सा रिश्ता है प्रेम का 
न दूर जाने देता है 
न पास रहने देता है 
न कोई पिंजरा है इसका 
न कोई कारागार है इसकी 
फिर भी बंधन बांधे रखता है    

सोमवार, 24 जनवरी 2022

क्या याद है तुमको ......


वो रंग याद है 
जो हम पर चढ़ा था 
प्यार का 

वो गीत याद है 
जो हम-तुम गुन-गुनाते थे  
साथ-साथ 

वो पल याद हैं
जो बस तुमको देखते-देखते 
बीत जाता था 

वो जज्बात याद है
जो कभी तुम्हारी 
आँखों से ही ब्यान हो जाता था 

वो चुपी याद है 
जो फ़िज़ा में 
हमारा प्यार बिखेर देती थी 

वो स्पर्श याद है
जो हमको 
एक बना देता था 

वो लिहाफ याद है
जो तुम्हारे और मेरे 
राज़ सीने में छुपा लेता था 


 #hindiblog
#hindiblogging
#kavita

मंगलवार, 18 जनवरी 2022

कभी मिलना तुम मुझसे ........

                                                                                                         
                                                                                                 

कभी मिलना तुम मुझसे
न जाने के लिए
बैठेगें हम - तुम
बस बातें करेंगें 
                                                  
कभी मिलना तुम मुझसे                    
न जाने के लिए 
वो चित्र वाली पहेली बूझेगें 
साथ - साथ 

बूझेगें तो
कभी हाथों की उंगलियों से
बोलेंगें
कभी निगाहों से 
बातें करेंगें 
                                                      
कभी मिलना तुम मुझे 
सूर्य उदय के समय
साथ बैठेंगें 
बस
सुबह की सुनेगें 

कभी मिलना तुम मुझसे 
गरम चाय की प्याली पर
हम -तुम मिल कर 
दिलों की हरारत बिखेरेगें 

Hindi
hindikavita

गुरुवार, 18 नवंबर 2021

कुछ अभी .... याद है अभी भी

मेरी आँखों में थी तस्वीर तुम्हारी  क्या दिखती है अब भी तुमको
 
कुछ ज़िन्दगी के वादे थे 
क्या याद है तुमको 
की वो भी पेट की आग में झुलस गए 

मेरी आँखों में थी तस्वीर तुम्हारी 
क्या दिखती है अब भी तुमको 
की आँखों की रौशनी के साथ वो भी धुंधला गई

तुम्हारे ख्यालों में मेनका थी मैं
रंगों से भरी थी तुमने मेरी काया 
क्या एहसास है तुमको 
की उम्र की लकीरों में एहसास भी उलझ गए कहीं

जुल्फों की खुशबु से महकते थे जज़्बात 
क्या कुछ गरमाहट बाकी है वो अभी 
की उम्र के ढलते 
ढल गए वो भी 

जवान थे हम भी कभी 
बाहों के अघोष में छुपे रहते थे 
कुछ अभी भी छुपा है क्या कहीं 
की सब बाज़ार में सज़ा दिया 

क्या ज़िन्दगी याद है 
की ज़िंदा रहने की होड़ में
बस ज़िंदा ही हो तुम 

शनिवार, 16 अक्टूबर 2021

तुम्हरी याद

पल आते है, जाते है  दुनिया की रस्में चलती रहती है  तुम्हारी कमी सी खलती है !

कुछ ये सुरूर है की तुम याद आते हो 
और फिर, मैं खुद ही जुदा हो जाता हूँ 

पल आते है, जाते है 
दुनिया की रस्में चलती रहती है 
तुम्हारी कमी सी खलती है !

कभी - कभी लगता है 
क्यों जी रहे हैं 
कौन सा क़र्ज़ है 
जो उतरते ही नहीं बनता 

याद किये नहीं बनता 
क्या तुमसे कोई वादा किया था !
अब मिलो तो याद करवा देना 

वादा पूरा कर पाएं 
हो सकता है मुमकिन न हो,
पर वो जो अधूरा कर्ज़ है 
उसका यकीन तो हो जायेगा 

मरने की भी जल्दी नहीं
उस पार तुम मिल जाओगे,
इस का यकीन भी तो नहीं I

अब आ ही गए है 
तो दुनिया के हर सितम
देख कर ही जायेंगें 

सितमों का हिसाब 
करके, ही जायेंगें 
उस पार इन सितमो 
को संग नहीं ले जायेंगें 

गम , ख़ुशी 
सबका हिसाब यहीं करके जायेंगें 

उस पार कुछ न ले जायेंगें 
फिर आयें न आयें 
सब हिसाब अब की बार ही 
बराबर कर जायेंगें 

#hindi 
#हिंदी 
#हिन्दीकविताएं 


शुक्रवार, 18 मार्च 2016

कैसे समझाएं..........

इलज़ाम है मुझ पर की मैं बिखरी सी हूँ खुद जो वो तन्हां है उसका क्या।










जब वो पास था
तो दूर - दूर से थे हम।
कैसे समझाएं की तब 
खुद से ही कितने दूर थी हम।

अब जब पास है हम
तो दूर - दूर सा है वो।
कैसे समझाएं की
वक़त लगता है सही वक़त को भी।

इलज़ाम है मुझ पर की मैं बिखरी सी हूँ
खुद जो वो तन्हां है
उसका क्या।

नज़र भर जब देखा उसे
तो वो अपना सा लगा।
फिर भी वो पूछता है
क्या हुआ है हमें।

एक नज़र भर देखोगे जिस दिन 
उस दिन जान जाओगे 
क्यों है हम बिखरे से,
खुद से बेगाने से,
और 
क्यों हो तुम भी कुछ तन्हां - तन्हां से
और खुद से ही बहुत बेगाने से।   

शनिवार, 10 अक्टूबर 2015

एक बात थी .......

एक बात थी  थोड़ी अनोखी सी थी  पर थी अपनी सी एक बात थी



मेरे और तुम्हारे मिलने से पहले की
मेरे और तुम्हारे बिछड़ने के पहले की
एक बात थी 
थोड़ी अनोखी सी थी 
पर थी अपनी सी

एक बात थी 
जिसमे मै बस मै थी
तुम बस तुम थे
मै और तुम एक थे
बात थी वो ये 
की तुम मेरे ख्यालों में थे
और बस मेरे ही थे

अब जब तुमको सामने देखती हूँ
तो कुछ सकपका सी जाती हूँ
तुम मेरे न रहे .... तुम अब तुम ना रहे
जहाँ में आ कर तुम, तुम हो गए 
और मै, बस मै ही रह गयी....
मै बस मै ही की रह गयी 
बात बस बात ही बन कर रह गयी...

रविवार, 16 नवंबर 2014

यूँ ही ...............


साथ हर पल में, साथ उस पल में , जब मैं नाराज़ सी रहूँगीं साथ उस पल में,

गर ये सिर्फ 
मोहब्बत होती,
पल दो पल की बात होती,
तो आसान होती 

पर मेरी जान ,
ये तो उम्र के साथ की बात है,
साथ हर पल में,
साथ उस पल में ,
जब मैं नाराज़ सी रहूँगीं
साथ उस पल में,
जब मै बिना बात ख़फा सी रहूँगीं,
जब तुम मुझे देखना भी गवारा न करोगे,

सात जन्म की छोड़ो,
इस उम्र की बोलो,
क्या तुम साथ दे पाओगे ,
क्या मेरी लकीरों में ,
प्यार खोज पाओगे,
क्या मेरी ढलती काया को,
नरम हाथों का स्पर्श दे पाओगे

गर तुम ...
सात वादों के पार सब वादे निभापोगे ,
तो आओ इस दुनिया में,
हम अपनी दुनिया बसा लेते,
मेरी जान ...
आओ हम सितारों तक का सफ़र,
इक दूजें की बाँहों के सहारें गुज़र कर लेते है
आओ प्यार को अपनी 
मलकियत बना लेते है ...

बुधवार, 2 अक्टूबर 2013

छल.............

दोष .... ना तुम्हारा था ना मेरा था रस्मे जहाँ तुम निभाते रहे रस्मे मुहबत हम निभाते रहे

तुम्हारे नयन                                       
मकसद खोजते रहे,
मेरे नयन
वफा की बरसात करते रहे
            
तुम्हारा मन
मेरी चाल सझता रहा
मेरा मन
तुम्हारा होता रहा

तुम्हारा दिल
मुझे नादान समझता रहा
मेरा दिल
तुममे रमता रहा

तुम मुझे
झूठा समझते रहे
और मै
तुम्हे रूह में र-माती रही

दोष ....
ना तुम्हारा था
ना मेरा था
रस्मे जहाँ तुम निभाते रहे
रस्मे मुहबत हम निभाते रहे ........

                                       

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

धुंधली सी...............

लिखने बैठती हु जब कभी भी लफ्ज़ उलझे-उलझे से लगते है  ना जाने क्यूँ खाली कागज़ पर ख्यालों का द्वन्द सा चल रहा लगता है...


राहा धुंधली सी
हो गयी है
कुछ नज़र आता नहीं आगे अब तो....

की अब तो लफ्ज़ भी
अनजान से हो गए है
पास अब आते नहीं ये भी मेरे.....

लिखने बैठती हु जब कभी भी
लफ्ज़ उलझे-उलझे से लगते है 
ना जाने क्यूँ खाली कागज़ पर
ख्यालों का द्वन्द सा चल रहा लगता है...
राहें धुंधली और अनजान सी लगती है अब तो...

गुरुवार, 4 जुलाई 2013

कुछ बूंदे...........


कुछ बूंदे है
हमने बहुत संभाल रखी है
पर बहाने के लिए नहीं
मोती बनाने के लिए

बस तुम इतना करना
की उन बूंदों को बहने ना देना
उनको कोई कारण दे देना
मोती में बदल जाने का

मालुम है मुझको
की मैंने कुछ जादा ही मांग लिया
पर खुद को तुमपर वार देने का
इससे बड़ा इनाम और क्या होगा भला

अब ये ना कहना
की हम प्यार में सौदे -बाज़ी कर रहे है
क्यूंकि दिल लेना और देना 
सौदे-बाज़ी नहीं तो और क्या है ?

मंगलवार, 28 मई 2013

जीने दो हमको......


चुप रहना चाहते है हम तो चुप रहने दो हमको वरना तो यहाँ हर ओर बस शोर ही शोर है।सपनो में जीते है हम
तो जीने दो हमको,
सपनो में ही सही
जी तो रहे है हम,
वरना तो यहाँ हर ओर
जिंदा लाशे ही नज़र आती है।

चुप रहना चाहते है हम
तो चुप रहने दो हमको
वरना तो यहाँ हर ओर
बस शोर ही शोर है।

उम्मीद के सहारे
जिंदा रहना चाहते है हम
तो जिंदा रहने दो हमको
वरना तो जिंदा रहने का
और कोई कारण भी नहीं है

गुरुवार, 23 मई 2013

बस नज़र के है धोखे...........

है नज़र के ये धोखे जो तुम्हारे और मेरे है जुदा रास्ते मगर बस कुछ कदमो के ही है बस ये फासले।
है बस नज़र के ये धोखे
जो पतझड़ में है हर ओर पते बिखरे
मगर बहार आने पर
छुप जाएँगी ये नग्न डालियाँ भी 

है बस नज़र के ये धोखे
जो रात आने पर तिमिर हो जाते है रास्ते
मगर सुबह का तारा फैला देगा हर और उजियारा

है बस नज़र के ये धोखे
जो राहा में शोले है बिखरे
मगर शोलो में जल कर ही तो कुंदन है बनता


है नज़र के ये धोखे
जो तुम्हारे और मेरे है जुदा रास्ते
मगर बस कुछ कदमो के ही है बस ये फासले


 है नज़र के ये धोखे
जो तुम और मै नहीं है एक 
मगर बस एक हाँ का ही है असल में ये सारा फेर


बुधवार, 15 मई 2013

चलो एक बार............

चलो एक बार जान ले की जो तुम मुझे जाने नहीं देते उसके पीछे कोई राज़ है की नहीं।


चलो एक बार जान ले
की ये जो रास्ता है क्या
इसका कहीं छोर है के नहीं

चलो एक बार जान ले
की जो तुम मुझे जाने नहीं देते
उसके पीछे कोई राज़ है की नहीं

चलो एक बार जान ले
की तुम्हारी इस मुस्कराहट का
मुझ से कोई नाता है की नहीं

चलो एक बार जान ले 
के जो तुम और मै जुड़ गएँ है
इस बंधन का कोई नाम है के नहीं

रविवार, 12 मई 2013

आ रहा है कोई.....

चलो बीन लायें मोती   के आ रहा है कोई।



चलो बीन लायें मोती  
के रहा है कोई।
चलो धागा खोज लायें
के पहने वाला रहा है कोई
चलो काजल बना लायें
के आँखों में चमक लाने वाला रहा है कोई।
चलो रंग खोज लायें के रंगहीन ज़िन्दगी में रंग भरने वाला रहा कोई।
चलो फूल बीन लायें के पल - पल महकाने वाला रहा है कोई।
चलो गीत लिख डालें के साथ गुन-गुनाने वाला रहा है कोई।