"जीवन दाता एक है समदर्शी भगवान जैसी जिसकी पात्रता वैसा जीवन दान, वैसा जीवन दान
तमस
रजस सद्गुणवती माता प्रकृति प्रधान
जैसी जननी भावना वैसी
ही संतान, वैसी ही संतान "
यह श्लोक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जिसमें ईश्वर, प्रकृति, और मनुष्य के बीच के संबंधों को समाहित किया गया है। इसे विस्तार से समझते हैं:
1. "जीवन
दाता एक है समदर्शी भगवान जैसी जिसकी पात्रता वैसा जीवन दान, वैसा जीवन दान"
इस पंक्ति का अर्थ है
कि जीवन का दाता एकमात्र ईश्वर है, जो समदर्शी (सभी
को समान दृष्टि से
देखने वाला) है। ईश्वर किसी
भेदभाव के बिना सभी
जीवों को जीवन प्रदान
करता है।
यहाँ यह कहा गया
है कि जो भी
जीवन हम प्राप्त करते
हैं, वह हमारी पात्रता
या हमारे कर्मों के अनुसार होता
है। जैसे हमारे कर्म
होते हैं, वैसा ही
जीवन हमें मिलता है।
इसमें कर्म सिद्धांत (Cause and
Effect) का संदर्भ है, जिसमें कहा
गया है कि हर
व्यक्ति को उनके कार्यों
के अनुसार फल मिलता है।
जीवन का अनुभव और
परिस्थितियाँ हमारी योग्यता और कर्मों पर
निर्भर करती हैं।
2. "तमस
रजस सद्गुणवती माता प्रकृति प्रधान जैसी जननी भावना वैसी ही संतान, वैसी ही संतान"
इस पंक्ति का अर्थ है
कि माता प्रकृति (प्रकृति या सृष्टि) भी
जीवन प्रदान करने वाली है,
और वह मुख्य रूप
से तीन गुणों (तमस,
रजस, सत्त्व) पर आधारित है।
- तमस का अर्थ है आलस्य, अज्ञानता या अंधकार।
- रजस का अर्थ है क्रियाशीलता, वासना और संघर्ष।
- सत्त्व का अर्थ है ज्ञान, शांति और शुद्धता।
यह पंक्ति कहती है कि
जिस प्रकार की भावना से
कोई व्यक्ति जन्म लेता है,
या जिस मानसिक अवस्था
और संस्कारों के आधार पर
वह पला-बढ़ा होता
है, वैसी ही उसकी
प्रकृति और स्वभाव (संतान) होती है।
संतान के गुण और
जीवन पर उसके माता-पिता की भावना,
विचारधारा और संस्कारों का
गहरा प्रभाव होता है। यहाँ,
"माता" को प्रतीकात्मक रूप
से प्रकृति या उस शक्ति
के रूप में देखा
गया है जो जीवन
को जन्म देती है
और पोषण करती है।
📿📿📿🪈🪈🪈🪈📿📿📿🪈🪈🪈🪈📿📿📿🪈🪈🪈🪈
सारांश:
इस उद्धरण में यह कहा
गया है कि जीवन
देने वाला एकमात्र ईश्वर
है, जो सभी को
समान दृष्टि से देखता है
और जीवन का उपहार
उनकी योग्यता (कर्मों) के अनुसार देता
है। वहीं, प्रकृति भी जीवन को
आकार देती है और
माता की तरह हर
व्यक्ति के जीवन में
तीन गुणों (तमस, रजस, सत्त्व)
के आधार पर उसका
स्वभाव और चरित्र निर्धारित
करती है।
इसमें कर्म और गुणों के महत्व को
दर्शाया गया है, जो
जीवन के अनुभवों और
व्यक्ति के स्वभाव को
प्रभावित करते हैं।
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