मंगलवार, 28 मई 2013

जीने दो हमको......


सपनो में जीते है हम
तो जीने दो हमको,
सपनो में ही सही
जी तो रहे है हम,
वरना तो यहाँ हर ओर
जिंदा लाशे ही नज़र आती है।

चुप रहना चाहते है हम
तो चुप रहने दो हमको
वरना तो यहाँ हर ओर
बस शोर ही शोर है।

उम्मीद के सहारे
जिंदा रहना चाहते है हम
तो जिंदा रहने दो हमको
वरना तो जिंदा रहने का
और कोई कारण भी नहीं है. 




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