शनिवार, 11 मार्च 2023

कल तुम को जब देखा

 


कल तुम को जब देखा
तो एहसास हुआ
उम्र ने तुम को और भी
सजा दिया है


वो तुम्हारे बालों में
जो चाँदी की लकीरें है
मानो, तुम्हारे लिए ही बनी हो

वो तुम्हारे चेहरे की लकीरें
मानो, हमारे प्यार की
दास्तान बता रहीं हो

वो तुम्हारा
पलकों की ओट से
मुझे चोरी से देखना
आज भी मुझे तुम्हारी तरफ 
वैसे ही खींच रहा था 
 
वो तुम्हारा
भरा-भरा बदन
आज भी मुझे
आलिंगन को तरसा रहा था 
 
तुम्हें एतराज़ जो हो
ज़माने की कहानी छोड़
अब अपनी कहानी लिख लें
तुम और मैं
हम हो जाएँ
जो बचा है उसे
साथ गुज़ार लें


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें