शनिवार, 8 अप्रैल 2023

कैसे समझाऊं

 
हाँ जान गए हम की 
जहाँ में होती नहीं मोहब्बत
सब के लिए ! 
पर, मेरे दिल को कौन समझाए 
जो, तुझे देख - देख ही धड़कता है 💖
  
हाँ जान गए हम की,
एक तरफ़ा मोहब्बत का,
कोई अंजाम नहीं होता !
पर, मेरी चाहत को कौन समझाए 
जो बस ज़िद्द पर अड़ी बैठी है 🥰

हाँ जान गए हम, 
की, इंतज़ार करने में,
कोई उम्मीद नहीं होती !
पर, अपनी आँखों को कैसे समझाऊं,
की तेरी रहा निहारना छोड़ दें 𝌗䷄

हाँ जान गए हम, 
की, तेरा प्यार नहीं है मेरे लिए !
पर, मैं खुद को कैसे समझाऊं,
जिसका रोम -रोम,
तेरे प्यार में डूबा हुआ है 💛💜💚🧡🤎💖💌

#हिन्दीकविता 
#प्रेमगीत

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