शुक्रवार, 31 अगस्त 2012

बस युहीं.............




दुनिया की भीड़ में बैठ कर हमने भी,
खुली आखों से ख्वाब कईं देखे.
सच हुए या नहीं सोचा नहीं कभी.
पर बस युहीं बैठे-बैठे हमने भी,
बहुत  जन्नतों  के नज़ारें देखे
ख्वाब खुदा की सबसे हसीं देन है,
जो दुनिया में हम ना पा सके,
उसे ख़्वाबों ने सदा के लिए हमारा बना डाला.
जिस बात को हम चाह कर भी ना कह सके,
उसे ख़्वाबों की हर दिवार पर लिख डाला.
जिसकी चाहत बन हम इक पल भी ना जी सके,
ख्वाबो में हमने खुद को उसके लिए मरते भी देखा.

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