हर बार मेरा हाथ प्यार से थाम कर कहते है वो,
मैं नहीं हूँ तुम्हारे लिए।
हर बार मेरी आँखों में देख कर कहते है वो,
मैं नहीं हूँ इनका नूर।
हर बार मेरी रूह को छु कर कहते है वो,
मैं नहीं हूँ इसका लिबास।
हर बार मेरे दिल में ज़रा सा और खुद को बसा कर कहते है वो,
मैं नहीं इस में हूँ समा सकता।
हर बार मुझे मुझसे से थोडा और बेगाना बना कर कहते है वो,मैंमै नहीं हूँ तुम्हरे लिए।
हर पल मेरे जीने की वजह बन, कहते है वो,
मर जाना चाहता हु मै।
मुझे जीने की वजह दे कर अब मेरी जान ले लेना चाहते है वो।
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