बुधवार, 6 मार्च 2013

क्या हम यूँ ही.............

क्या हम यूँ ही नहीं जी सकते बस जीने के वास्ते !
क्या हम यूँ ही नहीं मिल सकते बस मिलने के वास्ते !
क्या हम यूँ ही नहीं तुमको देख सकते बस देखने के वास्ते!
क्या हम यूँ ही नहीं तुमको छु सकते बस छूने के वास्ते !
क्या हम यूँ नहीं तुम्हारे हो सकते बस जिंदा रहने के वास्ते।

                    

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