गुरुवार, 25 अप्रैल 2013

तू उस रोज़.......


ऐ काश के यु होता,
तू उस रोज़ ना आता।
ऐ काश की यु होता,
उस शाम सब ओर शाम की लालिमा का साया होता,
और तू मुझे ठीक से ना देख पाता।
ऐ काश के यु होता,
तेरे इक स्पर्श ने मेरा रोम-रोम ना महकाया होता।
ऐ काश की यु होता,
तूने दोबारा कभी ना मिलने का वादा किया होता।
ऐ काश की यु हुआ होता,
के तू इक बार आ कर फिर कभी ना गया होता।
ऐ काश की यु होता,
के तू मुझे मुझ से ही चुरा लेता,
और बस सदा के लिए अपना बना लेता।


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