💖💗💕
हर लम्हा हर बात
बेमाना लगती है
यही मोहबत
हर लम्हें को
अल्फ़ाज़ दे देती है
इस मोहब्बत की
अपना
बनाने पर
लम्हों से अल्फ़ाज़ छीन
लेती है
और बेगाना कर देने पर
हर लम्हे को
अल्फ़ाज़ दे जाती है
'हिंदी कवितायेँ 'और कुछ 'हिंदी कहानियाँ' सपनो में गुज़र रही है ज़िन्दगी, ख्यालो में बना रखा है हमने अपना घर, दिल की बात को शब्दों की माला में पिरोते रहना, बस इतना ही बना रखा है हमने अपना दायरा, जीने के लिए बस जो ज़रूरी है उतने में ही समेट रखा है हमने अपना जहां। 'Hindi Poems' and some 'Hindi Stories'
💖💗💕
अपना
बनाने पर
लम्हों से अल्फ़ाज़ छीन
लेती है
और बेगाना कर देने पर
हर लम्हे को
अल्फ़ाज़ दे जाती है
| |
मैं
मोहब्बत के वादे भूलने लगा हूँ कुछ–कुछ गर
तुम्हें याद रहे हों तो
वही याद करवाने आ
जाना मैं
अपने टुकड़े न जाने कहाँ छोड़ आया हूँ गर
तुम्हारे पास हों तो
वही लौटाने आ
जाना। बहाने
बहुत हैं तुमको
बुलाने के पर
तुम्हारा बहाना क्या
है न आने का— बस
वही बताने एक
बार तो बस आ
जाना |
| एक
अजीब-सी उलझन है, क्या मैं खुद से अनजान हूँ या अनजान हैं सब मुझसे? एक अजीब-सा ख़याल है, कि मैं नाराज़ हूँ खुद से या सब नाराज़ हैं मुझसे? एक अजीब-सा एहसास है, कि मैं खुद से तन्हा हूँ या किसी की बेरुखी सबसे तन्हा कर गयी मुझे |
शिमला, हिमाचल प्रदेश के हृदय में स्थित यह रेस्टोरेंट अपने ग्राहकों को असली हिमाचली परंपरा का स्वाद चखाता है। यहाँ परोसा जाने वाला हिमाचली धाम थाली स्थानीय व्यंजनों की अनोखी झलक पेश करता है। थाली में सुगंधित चना माद्रा, पौष्टिक पहाड़ी दाल, नरम व स्वादिष्ट सिद्धू, खट्टे-मीठे स्वाद से भरपूर कद्दू की सब्ज़ी और कई अन्य पारंपरिक पकवान शामिल हैं।
| | | |
| | |
कुछ कच्ची उम्र
की
नादानियाँ थी
वो
अब पक्की उम्र में
लौट आयी हैं
नादानियाँ भी ऐसी
जो न
बालों की चाँदी देखती है
और न
उम्र की लकीरों का
तकाज़ा करती हैं
बस वो कच्ची उम्र वाले
लिहाफ ओढ़े
मुझे अपने में
समेटने को आती हैं
कोई जा कर कह दे
उन कच्ची उम्र की
नादानियों से
की अब हम
ज़माने को न छोड़ पायेंगें
और न ही
वो कच्ची उम्र वाला
लिहाफ ओढ़े पायेंगें