शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

एक बात थी .......



मेरे और तुम्हारे मिलने से पहले की
मेरे और तुम्हारे बिछड़ने के पहले की
एक बात थी 
थोड़ी अनोखी सी थी 
पर थी अपनी सी
एक बात थी 
जिसमे मै बस मै थी
तुम बस तुम थे
मै और तुम एक थे
बात थी वो ये 
की तुम मेरे ख्यालों में थे
और बस मेरे ही थे
अब जब तुमको सामने देखती हूँ
तो कुछ सकपका सी जाती हूँ
तुम मेरे न रहे .... तुम अब तुम ना रहे
जहाँ में आ कर तुम, तुम हो गए 
और मै, बस मै ही रह गयी....
मै बस मै ही की रह गयी 
बात बस बात ही बन कर रह गयी।


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