शनिवार, 5 मार्च 2016

मेरी जान ...........


मेरी जान    ........... 
नाराज़ सा रहता है, तू कुछ मुझसे,
क्यूंकि मुझे कुछ शिकवे है तुझसे आज,
पर, जान मेरी कुछ शिकवे आज कर लेने दे,
कहीं ये शिकवे, गीले बन गए,
तो , तुझसे ज़िन्दगी के सिलसिले दूर तक हो जायेंगें ,
तो, रहने दे इन सिलसिलों की उम्र छोटी ही,
क्यूंकि सुना है मोहबत की उम्र छोटी ही होती है। 


stories in hindi,hindi stories,hindi moral stories,stories,bedtime stories,hindi kahaniya,hindi kahani,hindi story,hindi fairy tales,suspense stories,story in hindi,funny stories,latest moral stories,hindi kahaniyan, हिंदी कहानियां


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें