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सोमवार, 24 जनवरी 2022

क्या याद है तुमको ......


वो रंग याद है 
जो हम पर चढ़ा था 
प्यार का 

वो गीत याद है 
जो हम-तुम गुन-गुनाते थे  
साथ-साथ 

वो पल याद हैं
जो बस तुमको देखते-देखते 
बीत जाता था 

वो जज्बात याद है
जो कभी तुम्हारी 
आँखों से ही ब्यान हो जाता था 

वो चुपी याद है 
जो फ़िज़ा में 
हमारा प्यार बिखेर देती थी 

वो स्पर्श याद है
जो हमको 
एक बना देता था 

वो लिहाफ याद है
जो तुम्हारे और मेरे 
राज़ सीने में छुपा लेता था 


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मंगलवार, 18 जनवरी 2022

कभी मिलना तुम मुझसे ........

                                                                                                         
                                                                                                 

कभी मिलना तुम मुझसे
न जाने के लिए
बैठेगें हम - तुम
बस बातें करेंगें 
                                                  
कभी मिलना तुम मुझसे                    
न जाने के लिए 
वो चित्र वाली पहेली बूझेगें 
साथ - साथ 

बूझेगें तो
कभी हाथों की उंगलियों से
बोलेंगें
कभी निगाहों से 
बातें करेंगें 
                                                      
कभी मिलना तुम मुझे 
सूर्य उदय के समय
साथ बैठेंगें 
बस
सुबह की सुनेगें 

कभी मिलना तुम मुझसे 
गरम चाय की प्याली पर
हम -तुम मिल कर 
दिलों की हरारत बिखेरेगें 

Hindi
hindikavita

सोमवार, 29 नवंबर 2021

मृगतृष्णा


 
कुछ पल थे 
तेरे और मेरे 
अब सोचती हूँ 
क्या वो हंसी थे 
या फिर
ये पल हंसी है 

तुम आज साथ होते 
तो ये पल न होते 
तुम मेरे होते 
तो ये प्रेम, क्या होता ?

मिल जाये वो मोहबत क्या 
पूरी हो जाये वो आरजू ही क्या 
एक उम्र में ही दुआएं कबूल हो जाये 
तो, उम्मीद को कौन पूछता 

हकीकत, और ख्याब में 
यही फरक है
हकीकत, परायी होती है 
और
ख्याब अपने होते है 

तो जो हकीकत है 
वो परायी सी लगती है
और
ख्याब, मृगतृष्णा से हैं
बस खूबसूरत से ही लगते हैं 
पर हकीकत में होते नहीं 

तो वो जो पल थे 
तेरे और मेरे
वो और कुछ नहीं
मृगतृष्णा ही तो थी 



गुरुवार, 18 नवंबर 2021

कुछ अभी .... याद है अभी भी


 
कुछ ज़िन्दगी के वादे थे 
क्या याद है तुमको 
की वो भी पेट की आग में झुलस गए 

मेरी आँखों में थी तस्वीर तुम्हारी 
क्या दिखती है अब भी तुमको 
की आँखों की रौशनी के साथ वो भी धुंधला गई

तुम्हारे ख्यालों में मेनका थी मैं
रंगों से भरी थी तुमने मेरी काया 
क्या एहसास है तुमको 
की उम्र की लकीरों में एहसास भी उलझ गए कहीं

जुल्फों की खुशबु से महकते थे जज़्बात 
क्या कुछ गरमाहट बाकी है वो अभी 
की उम्र के ढलते 
ढल गए वो भी 

जवान थे हम भी कभी 
बाहों के अघोष में छुपे रहते थे 
कुछ अभी भी छुपा है क्या कहीं 
की सब बाज़ार में सज़ा दिया 

क्या ज़िन्दगी याद है 
की ज़िंदा रहने की होड़ में
बस ज़िंदा ही हो तुम 




शनिवार, 18 सितंबर 2021

प्रेम के नियम

 प्रेम बहुत ही प्यारा और दुनिया की में सबसे पवित्र है।  प्रेम अगर जीवन में है तो हर मुश्किल को आसान किया जा सकता ह। प्रेम की अपनी ही परिभाषा होती है, और ये परिभाषा बस वही जानता है जो प्यार करता ह। हर पल प्रेम का एहसास दिलाना कोई जरूरी नहीं है । क्योंकि प्रेम तो की अपनी ही भाषा है और जो प्रेम करते है  उन्हें ये पता है क्या करना है और कब करना है और किस से करना है। कहने और सुनने से ज्यादा प्रेम एक एहसास है, और एहसास तो एक एहसास ही है , बोल कर उसे हर जगह बिखेरना क्यों। एहसास तो बस महसूस होना चाहिए, बार-बार बोल कर उसे बिखरने का फायदा क्या।  

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प्रेम के कुछ अपने नियम है, नियम ज़िदगी का हिस्सा हैं, नियम न हों तो ज़िदगी बस बीतेगी, ज़िदगी जीनी है तो नियमों का पालन करना ही पड़ेगा।  प्रेम के क्या नियम है, आज इनके बारे में जान लेते है, ये नियम हमे अपने प्रेम  सम्बंद को आकलन करने का तरीका भी बताते हैं :


। ) जिस से आप प्रेम करते है कभी भी उसकी व्यक्तिगत वास्तविकता को बदलने की कोशिश न करें : हर व्यक्ति अलग है, और उसका व्यक्तित्व  भी अलग है ।  जो आप को पसंद हो हो सकता है, वह उसे न पसंद हो।  इस तथ्य को मान लेना और जान लेना ही प्रेम है।  प्रेम बदलना नहीं बल्कि जो जैसा है उसे वैसे ही स्वीकार करना है। 

२) प्रेम तभी प्रेम है जब दो लोग एक दूसरे के दृष्टिकोण का समर्थन करे : समझौता प्रेम में सबसे एहम है । एक दूसरे की बात रखना और अगर कहीं टकराव हो तो बात कर समझौता कर लेना और बीच  रास्ता खोज लेना ही आपसी समबंदो के लिए बेहतर है।  वर्ना यही आपसी कलह की वजह बन सकती है।  

३)  एक रिश्ते को चलाने के लिए दो प्यार करने वालों की ज़रुरत होती है : आपने कई बार सुना होगा, साइकिल को चलाने के लिए दो पहियों की ज़रुरत होती है, वैसे ही एक रिश्ते को चलाने के लिए, दो प्यार करने वालों की ज़रुरत होती ह।  रिश्ते को निभाने के लिए, रिश्ते को अपनाना ज़रूरी है।  बहुत कुछ है जो नज़र अंदाज़ करना पड़ता है, चाहत है तो नज़र अंदाज़ करना भी आसान हो जाता है।  

४) एक दूसरे को सराहना करना : जब भी हम ये सोच लेते हैं की मेरे बिना किसी का काम नहीं चलेगा, बस वहीँ रिश्ते में दरार आने लग जाती है।  हर रिश्ते में एक दूसरे को महत्व देना बहुत ज़रूरी होता है।  हर कदम पर अपने साथी की सराहना करना, रिश्ते की जड़ों को मजबूत करता है।  

रिश्ते में कभी भी कड़वाहट को पनपने की जगह ही न दें, बात करने से सब समस्याओं का हल निकल आता है, आपस में एक दूसरे की पसंद और नापसंद को समझें, एक दूसरे का मान करें, एक दूसरे का गौरव बनाए रखे। समझ और सम्मान बस एक दूसरे को समझें और एक दूसरे का सम्मान करें, और फिर देखें ज़िंदगी आसान और खूबसूरत ही लगेगी।

बहुत कुछ और भी है लिखने को, पर इन कुछ बातों से ही रिश्तों में प्रेम बना रहता है। 


#हिंदी कहानियां 

रविवार, 15 अगस्त 2021

मेरा गुरुर _ _ _ _ _

 

क्या है मजबूरी दिल की, की वो दर्द को छोड़ता नहीं,

क्या है मजबूरी दिमाग की, की वो भुलने नहीं देता । 



हम समझते थे की आसान होगा भूलना उसे, बस यू हीं खुद पर कुछ ग़ुरूर सा हो गया था।  एक पल में बस भूल जायेंगे और पता भी न चलेगा, एक दम से भूल जायेंगे और बस वो कभी याद भी न आएगा। जहाँ में बहुत है जिन्हें प्यार की तलाश है, मिल जायेगा कोई, हो जायेंगे हम उसके, प्यार का समंदर बना देंगे।  

एक बस यही भूल थी।  एक लम्हा लगा बस, और सारा गुरुर तिनकों के सामान बिखर गया। दिल को मालूम था दर्द होगा, पर पागल तो बस दर्द में ही रहना चाहता था।  


महोब्बत को तलाशने निकला था में महोब्बत  का ही दिल तोड़ कर। 

पर अब सोचता हूँ की क्या वो मेरी मोहब्बत थी, की बस यु ही कुछ था ?

मोहब्बत होती तो टूटती ही क्यों ?



बस यही सोच कर दिल को बहला लेते है ,'होगी उसकी भी कोई मजबूरी, की वो बेवफ़ा निकला। 🎕

बस एक ही गीत याद आता है,'यूँही तुम मुझसे बात करते हो, या कोई 🎵🎵🎵🎵🎵

Song Link : Yuhin Tum Mujhse baat karti ho

#हिंदी कहानियां 

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

कुछ ख़याल

उम्र भर उम्र तरसती रही
इक उम्र की तलाश में
पर, जब उम्र आई उम्र जीने की
तो उम्र को उम्र ही ना मिली उम्र जीने की।


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रात एक हवा का झोंका था
या तूने पुकारा था भूल से कहीं मुझे
कोई बता दे उसे की
उस से खूबसूरत नहीं है
पल ये उसके इंतज़ार के।


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कोई शराब पी कर जी रहा है
कोई गम खा कर जी रहा है
खाते - पीते जी रहे है सब
ज़िन्दगी है बीता रहे है सब।

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कुछ मेरी है मजबूरियां की मैं बोल नहीं पाती
कुछ तेरी मजबूरियां है की तू बिना बोले सुन नहीं पता।

कुछ मेरी कमियां है की मैं  लिख भी नहीं पाती
कुछ तेरी कमियां है की तू मेरी आँखों में भी पढ़ नहीं पता।

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रंगहीन लगते थे जब पल उसे
तो, याद करता था हर पल वो हमें
अब, जब, दुनिया के रंग मिलें है उसे
तो, हम ही रंगहीन लगते है उसे।

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एक पल था जब,
तेरी याद सोने नहीं देती थी,
उस पल को हमने तेरे बिन ही गुज़ार दिया,
अब ये पल है जो उस पल को गुजरने नहीं देते,
याद के समंदर में डूबते है हर रोज़ अब हम,
की वो पल ही अब जीन नहीं देते।




#हिंदी 
#hindikavita

शनिवार, 5 मार्च 2016

जा ..........


के रहा नहीं अब कोई गिला
ना कोई शिकवा, ना कोई शिकायत
ना कोई आस, ना वो तेरी एक नज़र की प्यास
जा के आज़ाद है तू मुझसे, अब से
हंसी ख्याल बना कर रखेंगें तुझे अब हम
दीवाने है, रहेंगें दीवानो की ही तरहां अब हम।  




हिंदी - कुछ दिल की बात 

मेरी जान ...........


मेरी जान    ........... 
नाराज़ सा रहता है, तू कुछ मुझसे,
क्यूंकि मुझे कुछ शिकवे है तुझसे आज,
पर, जान मेरी कुछ शिकवे आज कर लेने दे,
कहीं ये शिकवे, गीले बन गए,
तो , तुझसे ज़िन्दगी के सिलसिले दूर तक हो जायेंगें ,
तो, रहने दे इन सिलसिलों की उम्र छोटी ही,
क्यूंकि सुना है मोहबत की उम्र छोटी ही होती है। 


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एक नज़र.............


एक नज़र देख लेगा हमको भी वो कभी,
बस यही तमना थी आखरी हमारी।
अनदेखी राहों पर ला  कर अनदेखा कर देगा
बस यही डर था हमको।
हमको हमीं से बेगाना बना देगा
बस यही उम्मीद ना थी हमको।







#हिंदी कहानियां 

शनिवार, 10 अक्तूबर 2015

कुछ ख़याल कुछ पंगतियाँ। ……


✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

ये जिस रंग मैं रंग डाली है, तूने मेरी ज़िन्दगी,
हो सके तो इस रंग का नाम भी बता दे,
क्यूंकि कल ही कोई पूछ रहा था,
किस रंग में रंगे हो आजकल 

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

ना पूछ मुझसे मेरी दास्तान,
मैं और मेरी तन्हाई के चर्चे आम हो जायेंगें .

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎


कोरे पनों को...अधूरे शब्दों को अपनी कहानी कहने दो .

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎


बेदर्द ज़माने मैं दर्द ढूढ़ रहे हो ..... दीवाने लगते हो.

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

चलो हाथ उठा  मांगें उस खुद से नेमतें जो कर रहा है सब पर नेमतें 
कोशिश करने वालों की हार न हो, बस इतनी रहें उसकी रहमतें। 


✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

धोखेबाज़ों की किताब में कोई हमारा भी नाम दर्ज करवा दे 
एक अरसा हो गया हमे खुदको प्यार के नाम पर धोखा देते हुए।


✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

वो जो जहाँ की दीवारों पर बेवफाओं का नाम लिखती फिरती है,
पगली खुद का नाम लिखना क्यों नहीं जानती।

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

वो जो माँ के आँचल को समझती थी अपना जहाँ,
आज वो हर शाम धुएं का आँचल है बनती पगली।
वो जिसका जहाँ माँ के आँचल तक ही था कभी,
आज वो कश पर कश लगा ढूढ़ती है अपना जहाँ। 
भटकने की अदा तो देखो उसकी,
खुद में बस खोई रहती है वो कहीँ ,
उस अंचल की तलाश में बस जिए जाती है पगली। 

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

पर कटे पंछियों का सयाद भी नहीं होता,
जहाँ में जिनके लिए कुछ नहीं होता,
उन्हें कुछ गवाने का डर भी नहीं होता। 

✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎✎

#hindi #hindiblog #randomthoughts

शुक्रवार, 28 मार्च 2014

कौन हूँ मै.......




आज भी हर दर्द की कहानी
की मुख्या पात्रा हूँ मै।
आज भी हर इलज़ाम
का निशाना हूँ मै।
आज भी हर दुःख
की धर्ता हूँ मैं

आज भी हर किसी
की नज़र मै गलत हूँ मै।
आज भी नज़रों में बसे शैतान
के लिए भूक हूँ मै।
आज भी बस एक
मौज हूँ मै।
और बस सबके लिए
बस शारीर हूँ मै..
कौन हूँ मै...
बस एक जिंदा सांसे लेती
लाश हूँ मै...
पुरानी दूकान के कौने में पड़ी
आँखें झपकाती गुडिया हूँ मै..
बस सांसे लेती जिंदा लाश हूँ मै....



ज