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'हिंदी कवितायेँ 'और कुछ 'हिंदी कहानियाँ' सपनो में गुज़र रही है ज़िन्दगी, ख्यालो में बना रखा है हमने अपना घर, दिल की बात को शब्दों की माला में पिरोते रहना, बस इतना ही बना रखा है हमने अपना दायरा, जीने के लिए बस जो ज़रूरी है उतने में ही समेट रखा है हमने अपना जहां। 'Hindi Poems' and some 'Hindi Stories'
सोमवार, 24 जनवरी 2022
क्या याद है तुमको ......
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मंगलवार, 18 जनवरी 2022
कभी मिलना तुम मुझसे ........
सोमवार, 29 नवंबर 2021
मृगतृष्णा
तो ये पल न होते
तुम मेरे होते
तो ये प्रेम, क्या होता ?
गुरुवार, 18 नवंबर 2021
कुछ अभी .... याद है अभी भी
मेरी आँखों में थी तस्वीर तुम्हारी
क्या दिखती है अब भी तुमको
की आँखों की रौशनी के साथ वो भी धुंधला गई
रंगों से भरी थी तुमने मेरी काया
क्या एहसास है तुमको
की उम्र की लकीरों में एहसास भी उलझ गए कहीं
शनिवार, 18 सितंबर 2021
प्रेम के नियम
प्रेम बहुत ही प्यारा और दुनिया की में सबसे पवित्र है। प्रेम अगर जीवन में है तो हर मुश्किल को आसान किया जा सकता ह। प्रेम की अपनी ही परिभाषा होती है, और ये परिभाषा बस वही जानता है जो प्यार करता ह। हर पल प्रेम का एहसास दिलाना कोई जरूरी नहीं है । क्योंकि प्रेम तो की अपनी ही भाषा है और जो प्रेम करते है उन्हें ये पता है क्या करना है और कब करना है और किस से करना है। कहने और सुनने से ज्यादा प्रेम एक एहसास है, और एहसास तो एक एहसास ही है , बोल कर उसे हर जगह बिखेरना क्यों। एहसास तो बस महसूस होना चाहिए, बार-बार बोल कर उसे बिखरने का फायदा क्या।
प्रेम के कुछ अपने नियम है, नियम ज़िदगी का हिस्सा हैं, नियम न हों तो ज़िदगी बस बीतेगी, ज़िदगी जीनी है तो नियमों का पालन करना ही पड़ेगा। प्रेम के क्या नियम है, आज इनके बारे में जान लेते है, ये नियम हमे अपने प्रेम सम्बंद को आकलन करने का तरीका भी बताते हैं :
। ) जिस से आप प्रेम करते है कभी भी उसकी व्यक्तिगत वास्तविकता को बदलने की कोशिश न करें : हर व्यक्ति अलग है, और उसका व्यक्तित्व भी अलग है । जो आप को पसंद हो हो सकता है, वह उसे न पसंद हो। इस तथ्य को मान लेना और जान लेना ही प्रेम है। प्रेम बदलना नहीं बल्कि जो जैसा है उसे वैसे ही स्वीकार करना है।
२) प्रेम तभी प्रेम है जब दो लोग एक दूसरे के दृष्टिकोण का समर्थन करे : समझौता प्रेम में सबसे एहम है । एक दूसरे की बात रखना और अगर कहीं टकराव हो तो बात कर समझौता कर लेना और बीच रास्ता खोज लेना ही आपसी समबंदो के लिए बेहतर है। वर्ना यही आपसी कलह की वजह बन सकती है।
३) एक रिश्ते को चलाने के लिए दो प्यार करने वालों की ज़रुरत होती है : आपने कई बार सुना होगा, साइकिल को चलाने के लिए दो पहियों की ज़रुरत होती है, वैसे ही एक रिश्ते को चलाने के लिए, दो प्यार करने वालों की ज़रुरत होती ह। रिश्ते को निभाने के लिए, रिश्ते को अपनाना ज़रूरी है। बहुत कुछ है जो नज़र अंदाज़ करना पड़ता है, चाहत है तो नज़र अंदाज़ करना भी आसान हो जाता है।
४) एक दूसरे को सराहना करना : जब भी हम ये सोच लेते हैं की मेरे बिना किसी का काम नहीं चलेगा, बस वहीँ रिश्ते में दरार आने लग जाती है। हर रिश्ते में एक दूसरे को महत्व देना बहुत ज़रूरी होता है। हर कदम पर अपने साथी की सराहना करना, रिश्ते की जड़ों को मजबूत करता है।
रिश्ते में कभी भी कड़वाहट को पनपने की जगह ही न दें, बात करने से सब समस्याओं का हल निकल आता है, आपस में एक दूसरे की पसंद और नापसंद को समझें, एक दूसरे का मान करें, एक दूसरे का गौरव बनाए रखे। समझ और सम्मान बस एक दूसरे को समझें और एक दूसरे का सम्मान करें, और फिर देखें ज़िंदगी आसान और खूबसूरत ही लगेगी।
बहुत कुछ और भी है लिखने को, पर इन कुछ बातों से ही रिश्तों में प्रेम बना रहता है।
रविवार, 15 अगस्त 2021
मेरा गुरुर _ _ _ _ _
क्या है मजबूरी दिल की, की वो दर्द को छोड़ता नहीं,
क्या है मजबूरी दिमाग की, की वो भुलने नहीं देता ।
हम समझते थे की आसान होगा भूलना उसे, बस यू हीं खुद पर कुछ ग़ुरूर सा हो गया था। एक पल में बस भूल जायेंगे और पता भी न चलेगा, एक दम से भूल जायेंगे और बस वो कभी याद भी न आएगा। जहाँ में बहुत है जिन्हें प्यार की तलाश है, मिल जायेगा कोई, हो जायेंगे हम उसके, प्यार का समंदर बना देंगे।
एक बस यही भूल थी। एक लम्हा लगा बस, और सारा गुरुर तिनकों के सामान बिखर गया। दिल को मालूम था दर्द होगा, पर पागल तो बस दर्द में ही रहना चाहता था।
महोब्बत को तलाशने निकला था में महोब्बत का ही दिल तोड़ कर।
पर अब सोचता हूँ की क्या वो मेरी मोहब्बत थी, की बस यु ही कुछ था ?
मोहब्बत होती तो टूटती ही क्यों ?
बस यही सोच कर दिल को बहला लेते है ,'होगी उसकी भी कोई मजबूरी, की वो बेवफ़ा निकला। 🎕
बस एक ही गीत याद आता है,'यूँही तुम मुझसे बात करते हो, या कोई 🎵🎵🎵🎵🎵
Song Link : Yuhin Tum Mujhse baat karti ho
#हिंदी कहानियां
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016
कुछ ख़याल
इक उम्र की तलाश में
पर, जब उम्र आई उम्र जीने की
तो उम्र को उम्र ही ना मिली उम्र जीने की।
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रात एक हवा का झोंका था
या तूने पुकारा था भूल से कहीं मुझे
कोई बता दे उसे की
उस से खूबसूरत नहीं है
पल ये उसके इंतज़ार के।
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कोई शराब पी कर जी रहा है
कोई गम खा कर जी रहा है
खाते - पीते जी रहे है सब
ज़िन्दगी है बीता रहे है सब।
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कुछ मेरी है मजबूरियां की मैं बोल नहीं पाती
कुछ तेरी मजबूरियां है की तू बिना बोले सुन नहीं पता।
कुछ मेरी कमियां है की मैं लिख भी नहीं पाती
कुछ तेरी कमियां है की तू मेरी आँखों में भी पढ़ नहीं पता।
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रंगहीन लगते थे जब पल उसे
तो, याद करता था हर पल वो हमें
अब, जब, दुनिया के रंग मिलें है उसे
तो, हम ही रंगहीन लगते है उसे।
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एक पल था जब,
तेरी याद सोने नहीं देती थी,
उस पल को हमने तेरे बिन ही गुज़ार दिया,
अब ये पल है जो उस पल को गुजरने नहीं देते,
याद के समंदर में डूबते है हर रोज़ अब हम,
की वो पल ही अब जीन नहीं देते।
शनिवार, 5 मार्च 2016
जा ..........
ना कोई शिकवा, ना कोई शिकायत
ना कोई आस, ना वो तेरी एक नज़र की प्यास
जा के आज़ाद है तू मुझसे, अब से
हंसी ख्याल बना कर रखेंगें तुझे अब हम
दीवाने है, रहेंगें दीवानो की ही तरहां अब हम।
एक नज़र.............
बस यही तमना थी आखरी हमारी।
अनदेखी राहों पर ला कर अनदेखा कर देगा
बस यही डर था हमको।
हमको हमीं से बेगाना बना देगा
बस यही उम्मीद ना थी हमको।