शनिवार, 25 मई 2024

दिन के प्रहर (Din Ke Prahar)

दिन के प्रहर (Din Ke Prahar) का अर्थ है दिन के विभाजित समय-खंड। भारतीय परंपरा में, दिन को आठ प्रहरों में बांटा गया है, प्रत्येक प्रहर लगभग तीन घंटे का होता है। 

दिन को आमतौर पर आठ प्रहरों में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक प्रहर लगभग तीन घंटे का होता है:

  1. प्रातः (प्रातःकाल) - सुबह 6 बजे से 9 बजे तक 🌄
  2. पूर्वाह्न - सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक 🌞
  3. मध्याह्न - दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ☂
  4. अपराह्न - दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक ⛱
  5. सायं (सायंकाल) - शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक 🌅
  6. प्रथमा रात्रि - रात 9 बजे से रात 12 बजे तक 🌉
  7. मध्य रात्रि - रात 12 बजे से सुबह 3 बजे तक 🌃
  8. उत्तर रात्रि - सुबह 3 बजे से सुबह 6 बजे तक 🌙

प्रत्येक प्रहर का अपना विशिष्ट महत्व और उपयोग होता है। यहाँ दिन के आठ प्रहर और उनका अर्थ दिया गया है:

  1. प्रातःकाल (प्रथम प्रहर): सुबह 6 बजे से 9 बजे तक
    • अर्थ: यह समय सूर्योदय के बाद का है, जो नए दिन की शुरुआत का प्रतीक है। इस समय का उपयोग योग, ध्यान, और पूजा-पाठ के लिए किया जाता है।
  2. पूर्वाह्न (द्वितीय प्रहर): सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक
    • अर्थ: यह समय प्रातःकाल के बाद और मध्याह्न से पहले का है। इस समय का उपयोग अध्ययन, कार्य और अन्य उत्पादक गतिविधियों के लिए किया जाता है।
  3. मध्याह्न (तृतीय प्रहर): दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक
    • अर्थ: यह समय दिन का मध्य होता है, जब सूर्य अपनी उच्चतम स्थिति में होता है। इसे लंच का समय माना जाता है और अक्सर विश्राम के लिए उपयोग किया जाता है।
  4. अपराह्न (चतुर्थ प्रहर): दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक
    • अर्थ: यह समय मध्याह्न के बाद और सायंकाल से पहले का है। इस समय का उपयोग कार्य की समाप्ति और अन्य गतिविधियों के लिए किया जाता है।
  5. सायंकाल (पंचम प्रहर): शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक
    • अर्थ: यह समय सूर्यास्त के बाद का है। इस समय का उपयोग शाम की प्रार्थना, भोजन और आराम के लिए किया जाता है।
  6. प्रथम रात्रि (षष्ठ प्रहर): रात 9 बजे से रात 12 बजे तक
    • अर्थ: यह समय रात की शुरुआत का होता है। यह समय आराम और नींद के लिए उपयुक्त माना जाता है।
  7. मध्य रात्रि (सप्तम प्रहर): रात 12 बजे से सुबह 3 बजे तक
    • अर्थ: यह समय रात का मध्य होता है। यह समय गहरी नींद का समय माना जाता है।
  8. उत्तर रात्रि (अष्टम प्रहर): सुबह 3 बजे से सुबह 6 बजे तक
    • अर्थ: यह समय सूर्योदय से पहले का होता है। इस समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है और यह ध्यान, योग, और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए सबसे शुभ माना जाता है।

यह प्रहर विभाजन दिनचर्या, धार्मिक अनुष्ठानों और अन्य गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

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