क्या है मजबूरी दिल की, की वो दर्द को छोड़ता नहीं,
क्या है मजबूरी दिमाग की, की वो भुलने नहीं देता ।
हम समझते थे की आसान होगा भूलना उसे, बस यू हीं खुद पर कुछ ग़ुरूर सा हो गया था। एक पल में बस भूल जायेंगे और पता भी न चलेगा, एक दम से भूल जायेंगे और बस वो कभी याद भी न आएगा। जहाँ में बहुत है जिन्हें प्यार की तलाश है, मिल जायेगा कोई, हो जायेंगे हम उसके, प्यार का समंदर बना देंगे।
एक बस यही भूल थी। एक लम्हा लगा बस, और सारा गुरुर तिनकों के सामान बिखर गया। दिल को मालूम था दर्द होगा, पर पागल तो बस दर्द में ही रहना चाहता था।
महोब्बत को तलाशने निकला था में महोब्बत का ही दिल तोड़ कर।
पर अब सोचता हूँ की क्या वो मेरी मोहब्बत थी, की बस यु ही कुछ था ?
मोहब्बत होती तो टूटती ही क्यों ?
बस यही सोच कर दिल को बहला लेते है ,'होगी उसकी भी कोई मजबूरी, की वो बेवफ़ा निकला। 🎕
बस एक ही गीत याद आता है,'यूँही तुम मुझसे बात करते हो, या कोई 🎵🎵🎵🎵🎵
Song Link : Yuhin Tum Mujhse baat karti ho
#हिंदी कहानियां
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