प्रेम बहुत ही प्यारा और दुनिया की में सबसे पवित्र है। प्रेम अगर जीवन में है तो हर मुश्किल को आसान किया जा सकता ह। प्रेम की अपनी ही परिभाषा होती है, और ये परिभाषा बस वही जानता है जो प्यार करता ह। हर पल प्रेम का एहसास दिलाना कोई जरूरी नहीं है । क्योंकि प्रेम तो की अपनी ही भाषा है और जो प्रेम करते है उन्हें ये पता है क्या करना है और कब करना है और किस से करना है। कहने और सुनने से ज्यादा प्रेम एक एहसास है, और एहसास तो एक एहसास ही है , बोल कर उसे हर जगह बिखेरना क्यों। एहसास तो बस महसूस होना चाहिए, बार-बार बोल कर उसे बिखरने का फायदा क्या।
प्रेम के कुछ अपने नियम है, नियम ज़िदगी का हिस्सा हैं, नियम न हों तो ज़िदगी बस बीतेगी, ज़िदगी जीनी है तो नियमों का पालन करना ही पड़ेगा। प्रेम के क्या नियम है, आज इनके बारे में जान लेते है, ये नियम हमे अपने प्रेम सम्बंद को आकलन करने का तरीका भी बताते हैं :
। ) जिस से आप प्रेम करते है कभी भी उसकी व्यक्तिगत वास्तविकता को बदलने की कोशिश न करें : हर व्यक्ति अलग है, और उसका व्यक्तित्व भी अलग है । जो आप को पसंद हो हो सकता है, वह उसे न पसंद हो। इस तथ्य को मान लेना और जान लेना ही प्रेम है। प्रेम बदलना नहीं बल्कि जो जैसा है उसे वैसे ही स्वीकार करना है।
२) प्रेम तभी प्रेम है जब दो लोग एक दूसरे के दृष्टिकोण का समर्थन करे : समझौता प्रेम में सबसे एहम है । एक दूसरे की बात रखना और अगर कहीं टकराव हो तो बात कर समझौता कर लेना और बीच रास्ता खोज लेना ही आपसी समबंदो के लिए बेहतर है। वर्ना यही आपसी कलह की वजह बन सकती है।
३) एक रिश्ते को चलाने के लिए दो प्यार करने वालों की ज़रुरत होती है : आपने कई बार सुना होगा, साइकिल को चलाने के लिए दो पहियों की ज़रुरत होती है, वैसे ही एक रिश्ते को चलाने के लिए, दो प्यार करने वालों की ज़रुरत होती ह। रिश्ते को निभाने के लिए, रिश्ते को अपनाना ज़रूरी है। बहुत कुछ है जो नज़र अंदाज़ करना पड़ता है, चाहत है तो नज़र अंदाज़ करना भी आसान हो जाता है।
४) एक दूसरे को सराहना करना : जब भी हम ये सोच लेते हैं की मेरे बिना किसी का काम नहीं चलेगा, बस वहीँ रिश्ते में दरार आने लग जाती है। हर रिश्ते में एक दूसरे को महत्व देना बहुत ज़रूरी होता है। हर कदम पर अपने साथी की सराहना करना, रिश्ते की जड़ों को मजबूत करता है।
रिश्ते में कभी भी कड़वाहट को पनपने की जगह ही न दें, बात करने से सब समस्याओं का हल निकल आता है, आपस में एक दूसरे की पसंद और नापसंद को समझें, एक दूसरे का मान करें, एक दूसरे का गौरव बनाए रखे। समझ और सम्मान बस एक दूसरे को समझें और एक दूसरे का सम्मान करें, और फिर देखें ज़िंदगी आसान और खूबसूरत ही लगेगी।
बहुत कुछ और भी है लिखने को, पर इन कुछ बातों से ही रिश्तों में प्रेम बना रहता है।
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