🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋
गिले-शिकवे अपनों से किये जाते हैं,
हम - तुम तो अब पराये हो गए हैं
तुम किसी और के हो गए हो
और हम, हम अपने में ही खो गए हैं
तुम, वो एक बार की बहार थे
जिसने मेरे तन-मन को महका दिया था
कुछ देर जिसने मेरे जीवन को सजा दिया था
तुम वो किरण थे
जो ज़िन्दगी में उजाला ले आयी थी
मेरे सपनों को कभी रौशनी तुम्ही ने दी थी
मेरे बदन को महक तुम्हारे होने से थी
अब, जब तुम पास नहीं हो
पर, एहसास से तो पास हो
मेरी यादों में
मेरे एहसास में
मेरे बदन की खुशबू में
मेरी चाहतों में
मेरे खवाबों में
बस ख्याब ही तो थे तुम
मेरा, एक हसीं ख्याब
मेरा बस मेरा ही
🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋🖋
#Hindiblog
#hindi
#हिन्दीकहानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें