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वो शाम भी कुछ अजीब थी
ये शाम भी कुछ अजीब है
जहाँ पहली बार मिले थे हम
जिस जगह से संग चले थे हम
ये रहें याद करती है
ये गुलशन याद करता है
बेदर्दी बालमा तुझको
मेरा मन याद करता है
ये शाम भी कुछ अजीब है
जहाँ पहली बार मिले थे हम
जिस जगह से संग चले थे हम
ये रहें याद करती है
ये गुलशन याद करता है
बेदर्दी बालमा तुझको
मेरा मन याद करता है
आवाज़ दे कर हमें तुम बुलाओ
मोहबत में इतना न हमको सताओ
आजा तेरी याद आयी
ओ बालम हरजाई
के आजा तेरी याद आयी
आवाज़ दे कर हमें तुम बुलाओ
मोहबत में इतना न हमको सताओ
विरहा की इस चिता से
तुम ही मुझे निकालो
जो तुम न आ सको
मुझे स्वपन में बुला लो
मोहबत में इतना न हमको सताओ
आजा तेरी याद आयी
ओ बालम हरजाई
के आजा तेरी याद आयी
आवाज़ दे कर हमें तुम बुलाओ
मोहबत में इतना न हमको सताओ
विरहा की इस चिता से
तुम ही मुझे निकालो
जो तुम न आ सको
मुझे स्वपन में बुला लो
मैं मन को लाख मनाऊ
माने ना मन मतवाला
अब आके तुम्हीं समझाओ
मैने अब तक बहुत संभाला
आजा तेरी याद आयी
ओ बालम हरजाई
माने ना मन मतवाला
अब आके तुम्हीं समझाओ
मैने अब तक बहुत संभाला
आजा तेरी याद आयी
ओ बालम हरजाई
जहाँ तू है, वहां मैं हूँ
मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफिर मैं तू मंज़िल है
वो शाम भी कुछ अजीब थी
ये शाम भी कुछ अजीब है
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