सोमवार, 4 अगस्त 2025

हम भी क्या दीवाने रहे

 


तुमसे ख़फ़ा होकर,
तुमसे ही दूर होकर,
तुम्हें ही दर-ओ-दीवार में ढूँढते रहे,
हम भी क्या खूब दीवाने रहे





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