सोमवार, 3 नवंबर 2025

मजबूरियां

 

अपनी ही ज़िन्दगी 

मजबूरी सी 

क्यों लगने लगती है 


शायद 

इससे ही स्वर्ग या नरक 

कहते हैं 




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें