रविवार, 20 फ़रवरी 2022

रिश्ता साथ का

 

"निम्मी, ऐसा क्यों किया तुमने, अपनी उम्र का ख्याल तो करा होता"

"जिंदगी मिली है जीने के लिए, एक दिन बस ऑंखें बंध और बस, गए जहाँ से हम, एक ही ज़िदगी है, क्यों न हर रिस्क ले ही लिया जाये, शायद कुछ प्यार भरे एहसास मिल जाएँ साथ ले कर जाने को" ! 

"पर, जवान बेटे का ख्याल तो किया होता, क्या कहेगा वो, दुनिया क्या कहेगी की, .....बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम....., कुछ तो लिहाज़ किया होता"

"दीदी, प्लीज, आप, अगर मेरी ख़ुशी में शामिल न होना चाहें कोई बात नहीं, पर प्लीज ऐसा कुछ न कहें जिससे आपके और मेरे रिश्ते में कोई दरार आये, मैं आपकी बहुत इज़्ज़त करती हूँ, आप ने मेरा बहुत साथ दिया, अपने भाई से ज्यादा आपने मेरा ख्याल किया, अब प्लीज मेरे और  मेरे बेटे के बीच में न आएं, मैं और वो खुद फैसला कर लेंगें, गलत और सही का"

"तुम मुझे जाने को कह रही हो, मत भूलो ये मेरे भी भाई का घर है" 

"नहीं, दीदी, आप मेरी माँ की तरहं है, मैंने हमेशा आप की तरफ देखा है, इस बार भी एक आखरी बार बस एक बार, दुनिया क्या कहेगी का चश्मा उतार कर देखें और बताएं की मैंने जो किया वो गलत है या सही"

आपके भाई के होते मैंने वही किया जो उन्हें अच्छा लगता है, मैंने उनकी ज़िन्दगी जी, और आप हमेशा मुझे हिम्मत देती रही, आपने ही तो मुझे जीना सिखाया, अब आप ही मुझे उदास ज़िन्दगी जीने को कह रही हैं, आप मानव को पसंद न करें, पर कम से कम मेर साथ तो दें, मेरी ख़ुशी में खुश हो जाएँ, आपके भाई चले गएँ हैं, पर मैं ज़िंदा हूँ, और मैं बस जीना चाहती हूँ"। 

"पागल हो गयी हो तुम, निम्मी, वो लड़का है, तुमको धोखा दे जायेगा, जिस दिन उसे तुम्हारे बुढ़ापे और अपनी जवानी वाली दीवार नज़र आ गयी उस दिन वो तुम्हें छोड़ देगा, फिर क्या करोगी, दुनिया को अभी ठुकराओगी, तो ये दुनिया तुम्हें तब ठुकरा देगी"  


"कौन किसको ठुकरा देगा भई !, नीमो ! रेडी हो न, चलें क्या ?"

"लो आ गए समझदार" सुधा दीदी ने व्यंग कस्ते बोला। 

"दीदी, आप भी चलो न हमारे साथ, डिनर भी बाहर ही करेंगें" मानव ने मुस्कुराते हुए बोला। 

"मैं, तुम्हारी बहन नहीं हूँ, तुम निम्मी के पति होगे, पर इसका मतलब ये नहीं मैं तुम्हारी बहन हूँ, आ गए भाई बनने" सुधा दीदी गुस्से मैं पैर पटकती चली गयी। 

"अरे अरे  ! कोई आज बहुत गुस्सा है"

"छोड़ो सबको, ये बताओ दिन कैसा था तुम्हारा, वैसे भी दीदी एक हफ्ते में चली जायेंगीं, फिर तो हम ही होंगें बस ?" निम्मी ने मानव की तरफ प्यार से देखते हुए कहा

"नीमो, मुझे किसीकी बात से कोई फरक नहीं पड़ता, बस मैं इतना चाहता हूँ की हम दोनों एक दुसरे पर विश्वास बनाये रखें, लोगो का क्या है, वो तो बोलेंगें ही"

 ......... तू दे-दे मेरा साथ, थाम ले हाथ, चाहे जो भी हो बात ......🎵🎵🎵

"बस तुम्हारी इन्हीं बातों ने हमें लूट लिया" निम्मी ने मानव के कधें पर सर रखते कहा। 

"लूट तो तुमने लिया हमें"



"अच्छा जी, ये बताओ जब मेरे चेहरे पर झुर्रियां छा जाएँगी तब भी ये जज़्बात ऐसे ही रहेंगें क्या ?" 

"नीमो, मेरी तरफ देखो" मानव ने निम्मी के हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा, "सुनो, आज, अभी, इस वक़त, ये लम्हा तुम्हारा और मेरा है, इसे ऐसे ही रहने दो, इस में 'कल क्या होगा' की सोच मत आने दो, इसे ऐसे ही खूबसूरत रहने दो, तुम्हारे मन की तरहं खूबसूरत, मन से मन का रिश्ता है ये,रिश्ता साथ का, बिना किसी मकसद के, कल बहुत दूर है और मैं और तुम आज और अभी में साथ हैं, उसे उस वक़त देखेंगें, आने वाले पल की सोच में ये पल न बीत जाये, बस इसका ख़याल करो, बाकी आने वाले पल को आने दो, फिर देखेगें उस पल में क्या करना है।  "


"हम्म्म, अब पता चला" निम्मी ने छेड़ते हुए कहा। 

"क्या, क्या पता चल गया"

"की, मैंने इतनी समझदारी कैसे दिखाई, तुमसे शादी करके, कोई वादा नहीं, न कस्मे, बस हर पल जीने की तमन्ना" 

"और इतने में ही बस कर लेते हैं, कल क्या होगा, आज जी लें, कल की कल सोच लेंगें, 

रिश्ता मकसद का हो तो, मकसद में गुम जाता है, बस ये जान लो, तुम्हारा और मेरा रिश्ता मकसद का नहीं साथ का है, रिश्ता साथ का, बिना किसी मकसद के, तुम्हारी उम्र क्या है, मेरी उम्र क्या है, यहाँ ये important नहीं है, यहाँ 'हम साथ हैं' बस यही इम्पोर्टेन्ट, तुमको मेरा और मुझे तुम्हारा साथ चाहिए था और वो मिल गया बस, लोग क्या कहेंगें, ये लोगो पर छोड़ो और तुम बस मुझे देखो बस, अपनी हर प्यार भरी नज़र मुझे देदो" मानव ने निम्मी को अपनी बाँहों में लेते हुए कहा। 


'सही तो कहा मानव ने, आज तो जी ले, कल की कल देख लेगें, आज की कल्पना बीते हुए कल में कभी नहीं की तो, आने वाले कल की कल्पना क्या करनी, अभी मानव है मैं हूँ और ये ख़ामोशी है, बस यही तो ज़िन्दगी है।  

"चलो तैयार हो जाओ, चलते हैं" मानव ने निम्मी का माथा चूमते बोला। 

"पर, जायेंगें कहाँ"

"दुनिया के बीच में, अभी में जीने" 

'मानव ने सही कहा, 'अभी में जीना' बस यही तो सच है ज़िन्दगी का' निम्मी अपने रोम-रोम को प्रेम में डूबा देना चाहती थी। 

आने वाला पल जाने वाला है, हो सके इसमें ज़िन्दगी बीता दो, पल जो ये जाने वाला है 🎵🎵🎵 



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