भगवान् का प्रकाश या भगवान् की ओर से कोई संकेत, बहुत बार आस-पास की वस्तुओं को देख कर ऐसा कुछ ऐसा एहसास सा होता है की भगवान् हमें कुछ कहना चाह रहे हो, या कुछ संकेत दे रहें हो, खास तौर पर जब दिल उदास हो या किसी बहुत ज़रूरी काम के लिए जा रहें हो ............................
मन खुश हो तो लगता है सारा जहां मेरा है अब, मैंने दुःख को जीत लिया, और जब मन दुखी होता है तो ऐसा नज़ारा देख कर लगता है जैसे भगवान् कह रहे हो की कोई बात नहीं, बस थोड़ी देर और, फिर सब ठीक हो जायेगा.
मन भी अजीब है, ख़ुशी हो तो सारा जहां अपना बना देता है और दुखी हो तो खुद से भी बेगाना बना देता है.
छोटी-छोटी खुशियों में जो ख़ुशी खोज लेते हैं, बस वही खुश रह सकते, पर सबसे मुश्किल काम बस यही है.
कितनी भी किताबें पढ़ लो पर फिर जब खुद पर कोई बात लागू करनी हो तो सब भूल जाते हैं और बस अपनी मुश्किलें ही दिखाई देती है.
पर इस सब से परे जीत अपनी ही होती हो, तो बहुत ही अच्छा लगता है, खुद पर ही विजय पाना बस यही जीवन जीने का रहस्य है, पर ये बात किसी दुसरे को समझनी बड़ी मुश्किल है, पर जब ये पता चलता है की सभी इस बात के सहारे ही जी रहे हैं तो मन बहुत ही खुश होता है.
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