शनिवार, 12 फ़रवरी 2022

कुछ पंक्तियां ....फिर किसी जनम में


उलझी पड़ी है ज़िन्दगी
बहुत से सवालों में अभी !
उल्झेगेँ तुझसे मोहबत 
फिर किसी और जनम में ।



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