'हिंदी कवितायेँ 'और कुछ 'हिंदी कहानियाँ' सपनो में गुज़र रही है ज़िन्दगी, ख्यालो में बना रखा है हमने अपना घर, दिल की बात को शब्दों की माला में पिरोते रहना, बस इतना ही बना रखा है हमने अपना दायरा, जीने के लिए बस जो ज़रूरी है उतने में ही समेट रखा है हमने अपना जहां। 'Hindi Poems' and some 'Hindi Stories'
शनिवार, 29 अप्रैल 2023
तोतों के बारे में रोचक तथ्य
शनिवार, 18 फ़रवरी 2023
क्या प्रेम इतना आसान है
मैंने एक फूलदार पौधा लगाने के एक बीज लगाया आज ...
शनिवार, 28 जनवरी 2023
Lucky Charms - भाग्यशाली तंत्र
भाग्य को अपने पक्ष में रखने के मानव जाति के प्रयासों में किंवदंतियों और पवित्र ग्रंथों से खींचे गए सौभाग्य आकर्षण दुनिया भर में मौजूद हैं. हर संस्कृति और देश का अपने अलग भाग्य प्रतीक हैं, जिनके बारे में उनका मानना है कि वह उन्हें भाग्य लाते है.
गुड लक charms दुनिया भर में पसंद किए जाते हैं, इसलिए नहीं कि वे वास्तव में ऐसे lucky charms की शक्ति पर भरोसा करते हैं, बल्कि इसलिए कि भाग्य की अवधारणा एक आकर्षक सांस्कृतिक परंपरा है जिसे अनदेखा करना मुश्किल हैं.
जैसे-जैसे संस्कृतियाँ विकसित और आत्मसात हुई हैं, ये सौभाग्य लाने वाले प्रतीक दुनिया के महाद्वीपों और दूर देशों तक भी पहुंच गए हैं.
प्रत्येक गुड लक Charm के पीछे केवल एक अंधविश्वास या भय नहीं होता है, बल्कि आकर्षण की उत्पत्ति और जिस संस्कृति से वह आया है, उससे जुड़ा एक गहरा इतिहास होता है.
आप सौभाग्य में विश्वास करते हैं या नहीं, ये आकर्षण पूरे इतिहास में हमेशा से ही प्रचलित रहे हैं, क्या यह कारण पर्याप्त नहीं है आपको इनका संग्राहक करने के लिए ?
आइये कुछ ऐसे ही लकी चार्म्स के बार में जाने :
🐘 हाथी - भारत और थाईलैंड
सौभाग्य के प्रतीक के रूप में हाथी पूरे एशिया में आम हैं, लेकिन वे भारत और थाईलैंड में विशेष रूप से प्रमुख हैं. वे शक्ति, स्थिरता और ज्ञान का प्रतीक हैं. बहुत से लोग मानते हैं कि आपके दरवाजे के सामने हाथी का पुतला रखने से वह आपके घर में सौभाग्य लाएगा. आम धारणा यह है कि अच्छे भाग्य के लिए हाथी की सूंड ऊपर होनी चाहिए, और नीचे की और सूंड दुर्भाग्ये लाता है.
🍀Four Leaf Clover : आयरलैंड
कथित तौर पर 10,000 में से 1 व्यक्ति को Four leaf Clover मिलने की संभावना होती है, यही वजह है कि इसे इतना भाग्यशाली माना जाता है. चार भुजाएँ विश्वास, आशा, भाग्य और प्रेम का प्रतीक हैं, और जो कोई भी इसे पाता है, तो ऐसा मन जाता है, की उसका भाग्य चमक जाता है. एक ईसाई किंवदंती का मन्नान है कि हव्वा को जब स्वर्ग से निकाल दिया गया तो उसने स्वर्ग की याद के लिए वहां से जाने से पहले एक क्लोवर को वहां से तोड़ लिया था.
🐎 घोड़े की नाल: संयुक्त राज्य अमेरिका
हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका में सौभाग्य के प्रतीक के रूप में घोड़े की नाल आम है, यह इस्लामी कला में भी पाया जा सकता है. मानना है कि आपके दरवाजे पर घोड़े की नाल लटकाने से आपके घर की सुरक्षा और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, कहा जाता है कि उलटी टांगी घोड़े की नाल बुरी आत्माओं को दूर भगाती है, इसे पहना या घर के आसपास रखा जा सकता .
#luckycham
#goodluck
शनिवार, 29 अक्तूबर 2022
भगवान् का प्रकाश
भगवान् का प्रकाश या भगवान् की ओर से कोई संकेत, बहुत बार आस-पास की वस्तुओं को देख कर ऐसा कुछ ऐसा एहसास सा होता है की भगवान् हमें कुछ कहना चाह रहे हो, या कुछ संकेत दे रहें हो, खास तौर पर जब दिल उदास हो या किसी बहुत ज़रूरी काम के लिए जा रहें हो ............................
मन खुश हो तो लगता है सारा जहां मेरा है अब, मैंने दुःख को जीत लिया, और जब मन दुखी होता है तो ऐसा नज़ारा देख कर लगता है जैसे भगवान् कह रहे हो की कोई बात नहीं, बस थोड़ी देर और, फिर सब ठीक हो जायेगा.
मन भी अजीब है, ख़ुशी हो तो सारा जहां अपना बना देता है और दुखी हो तो खुद से भी बेगाना बना देता है.
छोटी-छोटी खुशियों में जो ख़ुशी खोज लेते हैं, बस वही खुश रह सकते, पर सबसे मुश्किल काम बस यही है.
कितनी भी किताबें पढ़ लो पर फिर जब खुद पर कोई बात लागू करनी हो तो सब भूल जाते हैं और बस अपनी मुश्किलें ही दिखाई देती है.
पर इस सब से परे जीत अपनी ही होती हो, तो बहुत ही अच्छा लगता है, खुद पर ही विजय पाना बस यही जीवन जीने का रहस्य है, पर ये बात किसी दुसरे को समझनी बड़ी मुश्किल है, पर जब ये पता चलता है की सभी इस बात के सहारे ही जी रहे हैं तो मन बहुत ही खुश होता है.
रविवार, 13 मार्च 2022
बस वही - एक एहसास
एक और शनिवार की शाम :
Part 1 : https://tejinderkkaur.blogspot.com/2022/02/blog-post_26.html
सुरूर पुराने गानो का !
एक शनिवार की शाम और, वही एक एहसास जो मरता नहीं है, ज़रा सा आराम ज़हन को मिलता है और वो उड़ चलता है फिर उसी यादों के शहर की ओर। कितना कुछ है जो आज, अभी, इस वक़्त दुनिया में चल रहा है। कैसे आराम मिले मन को ? कैसे ज़हन से ये सब बातें निकालें।
क्या है जो इंसान हासिल करना चाहता है ?
क्या है जो अहिंसा और प्रेम नहीं जीता जा सकता ?
क्यों अपने को दूसरे से ऊपर साबित करना ?
अपने आप को प्रभावशाली साबित करने में कितनी जाने हम लेने को गलत नहीं समझते है ?
क्या किसकी जान की कोई कीमत ही नहीं है ?
प्यार का समय काम है जहाँ, लड़ते है लोग वहां कैसे..............
एक एहसास है जो मरता नहीं। एक आदत सी हो गयी है, अपना ही विरोध करना, अपनी ही भावनाओं का विरोध करना, अपनी ही भावनाओं का एक दुसरे से लड़ते रहना। एक मन कहता है छोड़ो सबकी बस अपने मन की सुनो और एक मन कहता है दुनिया में रहना है तो दुनिया की सुननी पड़ेगी। असमंजस में ज़िन्दगी बीत जाती है। हमेशा कहीं दूर चले जाने का मन होता है। बस भाग जाने का मन होता है, पर भाग कर जाना कहाँ है पता ही नहीं। बस यही सोच कर रह जाते हैं की, भागना बेकार है, क्यूंकि किसी और से नहीं खुद से ही भागने का मन है। और खुद से भागना नामुमकिन है। शरीर ख़त्म हो जायेगा पर क्या मन मर जायेगा, क्या पता सच में हो की 'एक दुखी मन से अगर शरीर को त्याग दिया तो, हो सकता है आत्मा अगर अगला शरीर धारण करे तो वही दुखी मन से करे'। सच में, डर दुनिया का नहीं बल्कि डर खुद का है।
शनिवार, 26 फ़रवरी 2022
तुम्हारे पास - एक एहसास
सुरूर हिंदी ६०,७० और ८० के दशक के गानो का :
एक शनिवार की शाम थी और पूरा हफ्ता काम करने के बाद बहुत थका - थका सा महसूस हो रहा था, और बस :
रोती है आज हम पर तन्हाईयाँ हमारी
वो भी न पाये शायद परछाईयाँ हमारी
लो आ गयी उनकी याद वो नहीं आए 🎵🎵🎵
तुम्हारा ख्याल आ गया, होंठ गुन-गुनाने लगे, मन का पंछी तुम्हारे पास उड़ चला, तुम न जाने मुझे याद करते भी हो या नहीं।
एक एहसास सा है जो मरता नहीं। मन तो बहुत करता है तुमसे पूछने का, पर ये सोच कर की कॉल करने पर कहीं तुम ये न पूछ बैठो ....'तुम कौन, याद नहीं आ रहा' ..... हाथ फोन की तरफ बढ़ते ही नहीं। क्या पता तुम्हें, मैं याद भी हूँ की नहीं, तुमने नंबर तो बदल नहीं लिया, पर पर तुम, तुम भूले नहीं भूलते। मन का पंछी तुम्हारे पास उड़ जाने को करता हैं, पर कहाँ हो तुम, कहाँ ढूँढू तुमको, क्युंकि :
मौत भी आती नहीं आस भी जाती नहीं
दिल को ये क्या हो गया, कोई शय भाति नहीं
लूट कर मेरा जहाँ, छुप गए हो तुम कहाँ
तुम न जाने किस जहाँ में खो गए
हम भरी दुनिया में तन्हां हो गया 🎵🎵🎵
ज़िन्दगी का सवाल पीछा कब छोड़ता है, जब ज़िन्दगी में अपने मन की न कर पाएं, तो ज़िन्दगी के मायने क्या ?
रविवार, 26 दिसंबर 2021
ज़िन्दगी - जो मिला अपना, जो नहीं मिला वो सपना
अजीब से मोड़ ! ज़िन्दगी के, हैरान कर देते है, कई सवाल है जो मन में उठते हैं, क्या करें और क्या न करे बस यही असमंजस सा रहता है। और बस इन्हीं सवालों में ज़िन्दगी बीत जाती है, किसी ने सच ही कहा है 'जब ज़िन्दगी समझ आने लगती है, तब तक उम्र ही बीत जाती है'।
टूटा हुआ दिल, बिखरी हुई ज़िन्दगी दोनों मिल कर परेशान तो करते हैं और वो जो सवाल, कभी खुद से पूछे जाते थे उन सब प्रशनो के उत्तर भी मिलने लग जाते हैं। क्या यही ज़िन्दगी है, क्या सबके साथ यही होता है ?
आखिर मकसद क्या है ज़िन्दगी का?
क्यों जीते रहते हैं ?
किस आस में दिन पर दिन गुज़र रहें हैं ?
और आस है, की टूटती भी नहीं।
और, अब जब उम्र बीतने को आयी तो एहसास हुआ की, बे वजह इतनी सर खपाई करने की ज़रुरत ही नहीं थी, बस जीना ही था, दिन जैसे थे वैसे ही बीता देने थे, बस बात इतनी सी थी की, जो मिला वो अपना था, और जो नहीं मिला वो सपना था, और सपने, सच नहीं होते।
पर जब तक ये समझ आया, तब तक उम्र ही बीत गयी थी। पर अब क्या, अभी भी तो है, कुछ साल अपने, उनको कैसे जीना है।
कई बार जब में बड़े उम्र के लोगों को देखती थी तो उनके चेहरे पर एक अजीब सी शांति और ठहराव सा देख कर लगता था, 'क्या इनको तनाव का मतलब भी पता होगा? तनाव से कैसे लड़े होंगें ये लोग।
अब समझ आता है, लड़े तो होंगें पर अब समझौता सा कर लिया है, और तनाव को अपने पर हावी नहीं होने देते।
आईना देख कर लगता है, ये चाँदी सी लकीरें कहाँ से आयी हैं, कब बालों का अंधेरा, चांदनी सी रौशनी में बदल गया एहसास ही नहीं हुआ, पर गिनती करने पर एहसास होता है कितनी लम्बी ज़िदगी थी पर बस लगता है पलक झपकते बीत गई।
क्यों इतनी जल्दी थी जीने की ? एक-एक पल जीना था, साल दर साल अपने मन की करनी थी, और प्यार करना था, पल-पल हंसना-हँसाना था। ।
कुछ युवाओं को देख कर लगता है की, इनको बता दूँ की जीवन को जी लो, खुल कर, पर फिर समझ आ जाता है की जाने दो, यही सब तो है ज़िन्दगी, गलती करो और सीखो और आगे बढ़ो। और जब हमें कोई बताये तो कैसा लगता है ?
तो, इस सब का सार यही है, जो है वो अपना है, जो नहीं मिला वो सब सपना ही समझो, और बस खुश रहो, तनाव बेकार है।
शनिवार, 16 अक्तूबर 2021
खुशियां ही खुशियां Keep Smiling
रिश्ते और उनकी बातें या कहानियां बड़ी अजीब सी होती हैं। बस एक शब्द, बस एक हाव-भाव रिश्तों की दिशा ही बदल देता है। और सबसे बढ़कर एक विषाक्त रिश्ता, हमारी सोच ही बदल देता है। सोच ही नहीं बल्कि हमसे जुड़े रिश्तों और भविष्य में जुड़ने वाले रिश्तों का भी अर्थ ही बदल देता है। बहुत मेहनत करनी होती है रिश्तों को सन्जो के रखने के लिए, पर एक बस एक शब्द रिश्तों में कड़वाहट या रिश्तों का सम्बन्ध बदलने के लिए काफी होते हैं।
विष तो विष है, अपने व्यास में आने वाली हर वस्तु को वो विषैला कर देता है, और कहीं कोई इस विष के प्रभाव से परलोक नहीं सिधारा तो वो इस विष को अपनी आने वाली पीढ़ियों में भी बाँट देता है।
'मेरे माँ-बाप ने मेरे लिए क्या छोड़ा, जो मैं छोड़ कर जाऊं' बस इतना ही है, जो मुझे नहीं मिला वो मैं, आगे दूंगा भी नहीं, सोच बस एक सोच ही तो है ये, और अगर मैं इस सोच को बदल दूँ तो ! गाँधी जी ने कहा था,'कोई एक गाल पर थपड़ मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो', पर मैं ये नहीं कह रही आप भी अपना दूसरा गाल आगे करो, बस इतना की कोई थपड़ मारे तो बात को ख़तम करने के लिए मुस्कुरा के वहां से चल दी जिए। बात ख़तम तो हो ही जाएगी, पर जो ज़हर का पल था वो भी गुज़र जायेगा, और ये विष खुद ही तड़प कर मर जायेगा।
विषैला व्यक्ति विष ही उगलेगा, सुबह घर से निकलने से पहले घर से गुस्सा नुमा कचरे की बोरी उठा कर निकलता है, फिर बस में बैठता है, वो कचरे की बोरी किसी और के सर मड दी, अब वो दूसरा व्यक्ति यही कचरे वाली बोरी किसी और के सर मड देता है, और बस विष बटने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, और यह चलते-चलते एक महामारी बन जाती है। सोचा जाये तो अगर वो पहला व्यक्ति वो कचरे की बोरी नहीं उठता तो ये सब बटना-बटाना न होता। और विष सब और न फैलता, बस वहीँ घुट कर मर जाता।
सयम खुद पर होना बहुत ज़रूरी है, एक शोध के अनुसार हसीं और खुशी वाला व्यक्ति तनाव के माहौल को भी बदल देता है। इस शोध में एक व्यक्ति को लोगों से भरी बस में भेजा गया, और वो व्यक्ति अपने मोबइल पर ईरफ़ोन लगा कर कुछ देखते हुए बीच-बीच में हस्ता है, और उसे हस्ते हुए देख पांच मिनट के अंदर-अंदर बस में बैठे सभी लोग भी हसने लग गए।
दुःख अगर बांटने से कम होता है तो ख़ुशी बांटने से और बढ़ती ही है। खुश रहिये, खुशियां बाटें। Keep Smiling :)
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