दिवानों को कोई नाम न दो
बस एक नज़र और सलाम ही काफी है
मोहब्बत की मिसाल बना देते हैं वो
जिनकी ज़िंदगी में बस मोहब्बत ही काफी है
'हिंदी कवितायेँ 'और कुछ 'हिंदी कहानियाँ' सपनो में गुज़र रही है ज़िन्दगी, ख्यालो में बना रखा है हमने अपना घर, दिल की बात को शब्दों की माला में पिरोते रहना, बस इतना ही बना रखा है हमने अपना दायरा, जीने के लिए बस जो ज़रूरी है उतने में ही समेट रखा है हमने अपना जहां। 'Hindi Poems' and some 'Hindi Stories'
दिवानों को कोई नाम न दो
बस एक नज़र और सलाम ही काफी है
मोहब्बत की मिसाल बना देते हैं वो
जिनकी ज़िंदगी में बस मोहब्बत ही काफी है
💖💗💕
अपना
बनाने पर
लम्हों से अल्फ़ाज़ छीन
लेती है
और बेगाना कर देने पर
हर लम्हे को
अल्फ़ाज़ दे जाती है
| |
मैं
मोहब्बत के वादे भूलने लगा हूँ कुछ–कुछ गर
तुम्हें याद रहे हों तो
वही याद करवाने आ
जाना मैं
अपने टुकड़े न जाने कहाँ छोड़ आया हूँ गर
तुम्हारे पास हों तो
वही लौटाने आ
जाना। बहाने
बहुत हैं तुमको
बुलाने के पर
तुम्हारा बहाना क्या
है न आने का— बस
वही बताने एक
बार तो बस आ
जाना |
| एक
अजीब-सी उलझन है, क्या मैं खुद से अनजान हूँ या अनजान हैं सब मुझसे? एक अजीब-सा ख़याल है, कि मैं नाराज़ हूँ खुद से या सब नाराज़ हैं मुझसे? एक अजीब-सा एहसास है, कि मैं खुद से तन्हा हूँ या किसी की बेरुखी सबसे तन्हा कर गयी मुझे |
शिमला, हिमाचल प्रदेश के हृदय में स्थित यह रेस्टोरेंट अपने ग्राहकों को असली हिमाचली परंपरा का स्वाद चखाता है। यहाँ परोसा जाने वाला हिमाचली धाम थाली स्थानीय व्यंजनों की अनोखी झलक पेश करता है। थाली में सुगंधित चना माद्रा, पौष्टिक पहाड़ी दाल, नरम व स्वादिष्ट सिद्धू, खट्टे-मीठे स्वाद से भरपूर कद्दू की सब्ज़ी और कई अन्य पारंपरिक पकवान शामिल हैं।
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कुछ कच्ची उम्र
की
नादानियाँ थी
वो
अब पक्की उम्र में
लौट आयी हैं
नादानियाँ भी ऐसी
जो न
बालों की चाँदी देखती है
और न
उम्र की लकीरों का
तकाज़ा करती हैं
बस वो कच्ची उम्र वाले
लिहाफ ओढ़े
मुझे अपने में
समेटने को आती हैं
कोई जा कर कह दे
उन कच्ची उम्र की
नादानियों से
की अब हम
ज़माने को न छोड़ पायेंगें
और न ही
वो कच्ची उम्र वाला
लिहाफ ओढ़े पायेंगें
मानो
तो सब कुछ है,
ना मानो तो कुछ
भी नहीं।
पर सच यह भी
है कि
कहीं न कहीं कुछ
तो है।
कुछ
बंधन कभी बन ही
नहीं पाते,
कुछ बनकर भी पूरे
नहीं बनते।
कुछ टूटकर भी नहीं टूटते,
और कुछ ऐसे होते
हैं जो
ज़ख्मों को बार-बार
कुरेदते रहते हैं—
न जुड़ते, न टूटते।
यहीं
से सवाल उठता है
पिछले जन्म का।
हम नहीं जानते हमने
क्या किया था,
हमें तो स्मरण भी
नहीं।
पर शायद यही जन्म
इसलिए मिला हो,
कि हमें अपनी गलतियों
को सुधारने का
एक और अवसर मिले।
अंक
ज्योतिष की दृष्टि से
कहा गया है—
यदि आपकी कुंडली में
शनि (अंक 8) प्रमुख है,
तो आप किसी न
किसी कर्म-ऋण के साथ आए
हैं।
आपको जीवन में एक
और मौका मिला है
अपने कर्मों को सुधारने का।
शास्त्र
कहते हैं—
शनि देव जब अपनी
बैलगाड़ी में बिठा लें,
तो आसानी से उतरने नहीं
देते,
परंतु गिरने भी नहीं देते।
बस शर्त यही है—
कि इंसान अपने कर्म पर
ध्यान दे।
भाग्य
तो लिखा ही है,
पर चमकती उसी की किस्मत
है,
जो मेहनत और कर्म का
दीपक जलाता है।
| और विस्तार से पढ़ने के लिए पढ़ने के लिए इस किताब को पढ़ सकते हैं |
| "अंक ज्योतिष - हरिश जौहरी द्वारा" |
भगवद्गीता
में भगवान कृष्ण ने स्पष्ट कहा
है—
"कर्मण्येवाधिकारस्ते,
मा फलेषु कदाचन।"
अर्थात् इंसान का अधिकार केवल
कर्म पर है, फल
पर नहीं।
कर्म
ही वह शक्ति है
जो भाग्य की कठोर रेखाओं
को भी बदल सकता
है।
आज जो हम बोते
हैं, वही कल हमें
मिलता है।
अगर पिछली गलतियों का फल हमारे
जीवन में दुख बनकर
आया है, तो वर्तमान
में किए गए सही
कर्म भविष्य को सुखद बना
सकते हैं।
कुंडली एक मानचित्र है — जो यह
संकेत देती है कि
व्यक्ति किन चुनौतियों और
अवसरों का सामना करेगा।
उदाहरण
के लिए, अंक ज्योतिष
कहता है कि यदि
किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली
में शनि (अंक 8) प्रमुख है, तो वह
अक्सर किसी न किसी
कर्म-ऋण के साथ जन्म
लेता है।
उसका जीवन कठिनाइयों से
भरा हो सकता है,
पर यह कठिनाइयाँ उसे
मजबूती देती हैं।
कहा भी गया है—
"शनि देव अपनी बैलगाड़ी में बिठा लें तो आसानी से उतरने नहीं देते,
पर गिरने भी नहीं देते।"
यानी
शनि सज़ा नहीं देते,
बल्कि जीवन के पाठ
सिखाते हैं।
भाग्य,
कर्म और कुंडली तीनों
मिलकर जीवन की डोर
बुनते हैं।
भाग्य हमें परिस्थिति देता
है,
कुंडली हमें संकेत देती
है,
और कर्म हमें शक्ति
देता है उन परिस्थितियों
को बदलने की।
इसलिए
जीवन में सबसे बड़ा
धर्म है — सत्कर्म।
क्योंकि वही भविष्य की
कुंडली भी बदल देता
है और भाग्य की
रेखाएँ भी।
#numerology
जो रंग न चढ़ा
हो
वही
सबसे हसीं लगता है
अपना
आप किसे अच्छा लगता
है
जो बिछड़ गया
वो अब भी
दिल
के किसी कोने में
रहता है
और आज भी वो
अपना-सा ही लगता
है
और जो पास है
वो अपने से
ही दूर लगता है
ਕਦੀ
ਸੋਚਾਂ ਗਰ
ਮੈਂ
ਜ਼ਿੰਦਾ ਕ੍ਯੂਂ ਹਾਂ
ਤਾਂ
ਖਿਆਲ ਆਂਦਾ ਹੈ ਕਿ
ਤੇਰੇ
ਮਿਲਣ ਦੀ ਆਸ ਨੇ
ਮੈਨੂੰ
ਮਰਨ ਵੀ ਨਹੀਂ ਦਿਤਾ
ਕਦੀ
ਸੋਚਾਂ ਗਰ
ਤੇਰੇ
ਮਿਲਣ ਦੀ ਆਸ
ਕ੍ਯੂਂ
ਹੈ ਮੈਨੂੰ
ਤੇ ਖਿਆਲ ਆਂਦਾ ਹੈ
ਕਿ
ਜੀਣ
ਦਾ ਬਹਾਨਾ ਵੀ
ਹਰ ਕਿਸੀ ਨੂੰ
ਚਾਹੀਦਾ
ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ
ऊर्जा की गतिशीलता को समझना: मानवीय संबंधों की गहराई में एक दृष्टि
"देखो, यहाँ एक सीख है"
हमारी ज़िन्दगी में कुछ भी
संयोग से नहीं होता।
हर इंसान, हर अनुभव और
हर समय पर घटने
वाली घटना — सब कुछ एक
खास ऊर्जा पर आधारित होता
है। यह ऊर्जा केवल
सामने वाले की नहीं
होती, बल्कि हमारी अपनी ऊर्जा और
उसकी वर्तमान स्थिति पर भी निर्भर
करती है।
कल्पना
कीजिए, आप किसी पुराने
दोस्त को भूल चुके
हैं। सालों से संपर्क नहीं
है। और अचानक एक
दिन वो व्यक्ति वापस
आ जाता है — एक
कॉल, एक मैसेज, या
आमने-सामने। आप सोचते हैं,
“अचानक क्यों?”
यह वास्तव में अचानक नहीं
होता। यह उस समय
आपके ऊर्जा क्षेत्र (aura) की स्थिति पर
निर्भर करता है। हमारी
ऊर्जा हर दिन, हर
परिस्थिति में बदलती है।
जब हम किसी विशेष
ऊर्जा फ्रीक्वेंसी पर होते हैं
— भावनात्मक, आध्यात्मिक या मानसिक रूप
से — तो हम उन
लोगों को आकर्षित करते
हैं जिनकी ऊर्जा उस समय हमारे
साथ मेल खा रही
होती है।
कई बार, ब्रह्मांड उन्हें
वापस भेजता है ताकि हम
अधूरी बातें पूरी कर सकें,
कुछ सीख सकें, या
किसी पुराने घाव को ठीक
कर सकें।
यह कोई संयोग नहीं।
कई बार ये लोग
हमारे जीवन में “सोल
कॉन्ट्रैक्ट” (soul
contracts) के तहत आते हैं
— यानी हमारी आत्मा पहले से ही
कुछ आत्माओं से वादा करती
है कि वे ज़रूरत
के समय आएंगी। वे
लोग हमें प्रेरित कर
सकते हैं, चुनौती दे
सकते हैं, या हमें
खुद से मिलवा सकते
हैं।
| 🎕"ऊर्जा शब्दों से नहीं, भावनाओं से जुड़ती है — यही असली संबंधों की भाषा है।"🎕 |
| 💖 "जब आपकी आत्मा तैयार होती है, तो ब्रह्मांड सही व्यक्ति को सही समय पर भेजता है।"💖 |
कभी-कभी हम अजीब
सपने देखते हैं — पुराने रिश्ते, अनजाने लोग, या भविष्य
की छवियां। ये सपने भी
ऊर्जा का एक रूप
हैं। हमारे अवचेतन (subconscious) में जो ऊर्जा
बनी रहती है, वही
हमारे सपनों में बदलकर आती
है। यह संदेश, चेतावनी,
या मार्गदर्शन हो सकता है।
एक महिला ने बताया कि कैसे उसने सपने में एक पुराने साथी को बार-बार देखा, और दो हफ्ते बाद वह व्यक्ति वास्तव में संपर्क में आया — माफी मांगने और closure देने। यह सिर्फ सपना नहीं था, यह एक ऊर्जा संकेत था।
| 🌻 "हम अपने वर्तमान ऊर्जा स्तर के आधार पर लोगों और घटनाओं को आमंत्रित करते हैं — न कि केवल उनके कर्मों से।" 🌻 |
| 💮"ऊर्जा शब्दों से नहीं, भावनाओं से जुड़ती है — यही असली संबंधों की भाषा है।" 💮 |
#ब्रह्मांडहमेशासुनताहै
आज का युग सूचना और तकनीक का युग है। इंटरनेट, सोशल मीडिया, और 24x7 समाचार चैनलों ने हमें जानकारी की दुनिया से जोड़ दिया है। जहाँ एक ओर ये माध्यम हमें तुरंत जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं, वहीं दूसरी ओर "फ़ेक न्यूज़" या झूठी खबरों का बाज़ार भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। फ़ेक न्यूज़ का मतलब ऐसी खबरों से है जो पूरी तरह झूठी, भ्रामक या अधूरी होती हैं और जिनका उद्देश्य लोगों को गुमराह करना, डर फैलाना या किसी व्यक्ति, संस्था या समुदाय की छवि को नुकसान पहुँचाना होता है।
आजकल
फ़ेक न्यूज़ किसी भी सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म—जैसे कि व्हाट्सएप,
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि—पर तेजी
से फैलती है। कई बार
यह खबरें इतनी आकर्षक होती
हैं कि लोग बिना
जांच-पड़ताल किए उन्हें आगे
शेयर कर देते हैं।
इससे झूठी जानकारी एक
चक्र की तरह फैलती
रहती है और कई
बार इसका असर गंभीर
होता है।
फ़ेक
न्यूज़ का सबसे बड़ा
खतरा यह है कि
यह समाज में भ्रम,
अफवाह और तनाव पैदा
करता है। कई बार
धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं,
जातीय संघर्ष भड़कते हैं, या किसी
खास समुदाय के खिलाफ नफरत
फैलती है। 2020 में कोरोना महामारी
के दौरान भी फ़ेक न्यूज़ (Fake News) का ज़बरदस्त प्रसार हुआ। लोगों को
झूठी दवाओं, गलत इलाज और
साजिशों के बारे में
गलत जानकारियाँ दी गईं, जिससे
डर और भ्रम का
माहौल बन गया।
इस बढ़ते संकट के कई
कारण हैं –
फ़ेक
न्यूज़ पर नियंत्रण पाना
बहुत जरूरी है। इसके लिए
सबसे पहले जनता को
जागरूक होना पड़ेगा। कोई
भी खबर पढ़ने के
बाद यह जरूरी है
कि हम उसकी पुष्टि
करें कि वह विश्वसनीय
स्रोत से है या
नहीं। समाचार को आगे शेयर
करने से पहले उसकी
सच्चाई जांच लेना एक
जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है।
सरकार
और तकनीकी कंपनियों को भी इस
दिशा में सक्रिय भूमिका
निभानी चाहिए। सोशल मीडिया कंपनियों
को ऐसे सिस्टम तैयार
करने चाहिए जो झूठी खबरों
की पहचान कर उन्हें रोक
सकें। साथ ही, जो
लोग बार-बार झूठी
खबरें फैलाते हैं, उनके खिलाफ
सख्त कार्रवाई भी जरूरी है।
अंत
में यही कहा जा
सकता है कि फ़ेक
न्यूज़ एक गंभीर सामाजिक
समस्या बन चुकी है।
इसे रोकने के लिए सरकार,
मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स
और सबसे महत्वपूर्ण, आम
नागरिक—सभी को मिलकर
काम करना होगा। जब
हम जागरूक होंगे, तभी सच और
झूठ के बीच फर्क
कर सकेंगे और समाज को
एक बेहतर दिशा में ले
जा सकेंगे।
फ़ेक
न्यूज़ (Fake News) एक ऐसा वायरस
बन चुका है जो
समाज को अंदर से
खोखला कर रहा है।
इसके खिलाफ लड़ाई में हर व्यक्ति
की भूमिका अहम है। जिम्मेदारी
से जानकारी साझा करना और
सोच-समझकर प्रतिक्रिया देना ही एक
जागरूक नागरिक की पहचान है।
#fakenews
अपनी खुशबु से महका दो मुझको
कि आज कुछ होश-होश सा लग रहा है मुझको
एक बार फिर अपने प्यार में डूबा दो मुझको
कि ना जाने क्यूँ खुद से ही बेगाना सा लग रहा है मुझको
बस आज अपने प्यार से दीवाना बना दो मुझको
की ना जाने क्यों तन्हां-तन्हां सा लग रहा है मुझको
बस आज मुझको, मुझ से ही चुरा लो
की ना जाने क्यों ज़िंदा - ज़िंदा सा लग रहा है मुझको
#hindiblog
#kahaanikaar
एक नज़र का ख़्वाब
होता,
कोई मीठा सा हिसाब
होता,
तेरी बाहों में सिमट जाती
मैं,
या फिर कोई नया
ख्वाब होता।
रास्ते
चुपचाप चलते,
हम कहीं दूर तक
चलते,
ना कोई मंज़िल की
फ़िक्र होती,
ना कोई डर साथ
पलते।
बादलों
से गुफ़्तगू करते,
चाँद की चुप्पी को
पढ़ते,
सांसों की धड़कनें सुनते,
ख़ामोशी में लफ़्ज़ बुनते।
पर ये दुनिया रोक
देती है,
हर कदम पे टोक
देती है,
कभी रिवाज़ों की ज़ंजीरें,
कभी रस्मों की दीवारें खींच
देती हैं।
फिर
भी सोचती हूं हर पल,
अगर ये सब ना
होता,
एक मैं और एक
तुम,
बस इतना सा ही
जहां होता
| : इतना सा जहां : |
| |

| 💖 💗 💓 💝 🩷 💛 🧡 💗 💖 💖 💗 💓 💝 🩷 💛 🧡 💗 💖 💖 💗 💓 | तुमको
आज बहुत अरसे बाद
देखा तो ख़्याल आया... वक़्त
की रफ्तार ने हमसे कितनी
बातें छीन लीं। वो मासूम सी हँसी, वो
बेफिक्र सी बातें, वो
दिन जो कभी हमने
साथ गुजारे थे, सब जैसे
धुंधला सा हो गया
था। पर आज, जब तुम
सामने आए, तो मानो
पुरानी यादें फिर से ज़िंदा
हो गईं। तुम्हारी
आँखों में वही चमक
थी, वही
शरारतें जो कभी मुझे
गहरी सोच में डुबा
देती थीं। तुम्हारे
चेहरे की मुस्कान अब
भी वही थी, जो
हर मुश्किल को आसान कर
देती थी। लगा
जैसे वक़्त ने हमें अलग
कर दिया, लेकिन हमारे बीच की दोस्ती
और वो यादें अभी
भी वहीं हैं, जहां
हमने उन्हें छोड़ा था। बहुत
कुछ कहना था, बहुत
कुछ सुनना था। पर न जाने क्यों,
शब्दों ने साथ छोड़
दिया। बस एक सन्नाटा था
और दिल में एक
ख़्याल... तुमसे
मिलने की चाह और
वो अधूरी बातें, जो शायद कभी
मुकम्मल नहीं होंगी। |
जब किसी को हम
बहुत अरसे बाद देखते
हैं, तो मानो समय
के साथ हमारी यादें
और भावनाएँ भी जीवित हो
उठती हैं। वो लम्हा,
वो दिन, और वो
बातें जो एक समय
पर हमारे जीवन का हिस्सा
थीं, अचानक से हमारी आँखों
के सामने तैरने लगती हैं। ऐसा
ही मेरे साथ हुआ
जब मैंने तुम्हें आज बहुत अर्से
बाद देखा। तुम्हारी एक झलक ने
ही बीते दिनों की
सारी यादें ताजा कर दीं।
जाने
कितने ही वर्षों के
बाद, तुम्हारा चेहरा देखकर मैंने मानो वक्त को
पीछे खींच लिया था।
उस एक पल में
मानो समय रुक गया
था और मैं बस
तुम्हारे चेहरे को देखकर अपने
अतीत में खो गया
था। वो हंसी, वो
मुस्कान, वो आँखें, सब
कुछ बिल्कुल वैसा ही लगा
जैसे सालों पहले था। हालाँकि,
समय के साथ हमारे
जीवन में न जाने
कितने बदलाव आए होंगे, पर
कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।
तुम्हारा चेहरा देखकर मुझे वो सारी
बातें याद आ गईं
जो हमने साथ बिताई
थीं।
तुम्हारे
साथ बिताए वो लम्हे, वो
बातें और वो भावनाएँ
फिर से मेरे दिल
में जगह बना गईं।
मुझे याद आया कि
कैसे हम एक-दूसरे
के साथ हर छोटी-बड़ी बात साझा
करते थे, कैसे हम
हँसते, गाते और बिना
किसी वजह के खुश
रहते थे। वो दिन
बहुत खास थे और
शायद इसलिए भी जब मैंने
तुम्हें आज देखा तो
वो ख्याल फिर से लौट
आए।
हमारे
बीच एक खास रिश्ता
था, ऐसा रिश्ता जो
शायद शब्दों में बयाँ नहीं
किया जा सकता। वो
दिन जब हमने साथ
बैठकर अनगिनत बातें कीं, वो रास्ते
जिन पर हमने साथ
में चलने का वादा
किया था, और वो
सपने जो हमने मिलकर
देखे थे। मुझे याद
है कि कैसे हमारी
मुलाकात एक साधारण से
मौके पर हुई थी,
और देखते ही देखते हम
दोनों एक-दूसरे के
लिए खास बन गए
थे।
समय
के साथ हमारे रास्ते
बदल गए, ज़िंदगी हमें
अलग-अलग मोड़ों पर
ले गई। शायद ये
नियति थी कि हम
दोनों अपनी राहों पर
बढ़ते चले जाएँ और
वक्त की धारा में
बहते-बहते कहीं दूर
चले जाएँ। पर आज जब
मैंने तुम्हें देखा, तो लगा जैसे
कुछ भी नहीं बदला
है। वो खामोशी, वो
खामोश बातें, जो हमारे बीच
थीं, वो सब फिर
से लौट आई थीं।
तुम्हें
देखकर मैंने सोचा कि समय
के साथ कैसे हम
लोगों को भूल जाते
हैं। पर क्या सच
में हम किसी को
भूल पाते हैं? शायद
नहीं। जो लोग हमारे
दिल में होते हैं,
उनकी यादें कहीं न कहीं
हमारे भीतर बसी रहती
हैं। चाहे हम अपनी
ज़िंदगी में कितनी ही
दूर क्यों न चले जाएँ,
वो यादें हमें हमेशा एक
झलक के रूप में
मिल ही जाती हैं।
तुम्हें
देखकर मुझे एहसास हुआ
कि ज़िंदगी में कितनी ही
बातें होती हैं जो
बिना कहे ही रह
जाती हैं। उन बातों
का बोझ हमारे दिल
पर हमेशा रहता है, लेकिन
हम उन्हें ज़ाहिर नहीं कर पाते।
शायद यही बातें हमें
एक दूसरे से जोड़ती हैं
और दूर भी करती
हैं। पर आज तुम्हें
देखकर मैंने उस बोझ को
हल्का महसूस किया।
तुम्हारे
साथ बिताए लम्हे मुझे उन सपनों
की याद दिला गए
जो हमने एक साथ
देखे थे। वो बातें
जो अधूरी रह गईं, वो
वादे जो कभी पूरे
नहीं हो सके, वो
ख्याल जो हमारे दिलों
में बसे थे। शायद
हम एक-दूसरे के
लिए सही समय पर
सही व्यक्ति नहीं थे, पर
आज महसूस हुआ कि हम
हमेशा एक-दूसरे के
दिल में खास जगह
रखते हैं।
तुम्हारी
आँखों में भी एक
अजीब सी चमक थी,
जैसे तुम भी इन
सब बातों को याद कर
रही हो। उस एक
नज़र में हमने शायद
एक-दूसरे को सब कुछ
कह दिया, जो कभी कह
नहीं पाए थे। वो
खामोशी जो हमारी आँखों
के जरिए बयाँ हो
रही थी, वो बहुत
कुछ कह रही थी।
ज़िंदगी
के सफर में हम
कभी-कभी ऐसे मोड़ों
पर पहुँच जाते हैं जहाँ
हम अपने बीते समय
को फिर से जी
लेना चाहते हैं। आज तुम्हें
देखकर मुझे भी ऐसा
ही लगा। ऐसा लगा
कि अगर वक़्त को
थोड़ा पीछे कर सकूँ,
तो उन दिनों को
फिर से जी लूँ।
पर सच तो ये
है कि समय कभी
वापस नहीं आता। वो
लम्हे अब केवल यादों
में ही बसे रहेंगे,
लेकिन इन यादों का
अपना ही एक अलग
महत्व है।
तुम्हें
देखकर मुझे एहसास हुआ
कि हमारे रिश्ते में कुछ अधूरा
था। अधूरापन ही शायद हमें
खास बनाता है। वो ख्याल
जो कभी पूरे नहीं
हो सके, वो सपने
जो अधूरे रह गए, वो
बातें जो कभी कही
नहीं गईं, वो सब
कुछ हमारे दिलों में हमेशा जिंदा
रहेंगे।
ज़िंदगी
हमें बहुत कुछ सिखाती
है, और तुम्हें देखकर
मैंने सीखा कि किसी
को खोकर भी हम
उसे हमेशा अपने दिल में
ज़िंदा रख सकते हैं।
वक्त भले ही हमें
दूर कर दे, लेकिन
वो यादें हमें जोड़ कर
रखती हैं। शायद यही
जिंदगी का असली मायना
है – लोगों को अपने दिल
में जिंदा रखना, चाहे वो हमारे
पास हों या न
हों।
तुम्हें
देखकर मुझे अपनी ज़िंदगी
के उन सारे लम्हों
का एहसास हुआ जिनमें तुम
मेरे साथ थे। वो
खुशी, वो ग़म, वो
छोटी-छोटी बातें जो
हम साझा करते थे,
सब कुछ फिर से
ताजा हो गया। शायद
ये हमारी जिंदगी की कहानी है
– लोगों से मिलना, बिछड़ना
और उनकी यादों में
जीना।
जब मैंने तुम्हें आज बहुत अर्से
बाद देखा, तो लगा जैसे
मैंने खुद को फिर
से पा लिया हो।
तुमसे मिलकर मैं अपने अतीत
में लौट गया, और
उन सारे लम्हों को
फिर से जी लिया।
शायद इस मुलाकात का
कोई मकसद नहीं था,
पर इसने मेरे दिल
को हल्का कर दिया।
इस जिंदगी में हम सभी
अपने रास्ते पर आगे बढ़ते
हैं, नए रिश्ते बनाते
हैं, नए अनुभवों का
सामना करते हैं, लेकिन
कुछ लोग ऐसे होते
हैं जो हमें कभी
नहीं भूलते। तुम भी उनमें
से एक हो।
#premptr #तुमकोदेखातो #yaaden